Holi 2021: होली के सिद्ध दिन करें कुछ खास उपाय, सारे संकट होंगे दूर
नई दिल्ली। एक सौर वर्ष में 365 दिन होते हैं लेकिन इनमें कुछ ही दिन ऐसे होते हैं जब सारे ग्रह-नक्षत्र, योग, तिथियां, माह आदि ऐसे संयुक्त होते हैं जिनमें यदि कोई कार्य किए जाएं तो उनमें सफलता मिलना निश्चित रहता है। इन दिनों को स्वयं सिद्ध दिन कहा जाता है। इन खास दिनों में अपने जीवन की परेशानियां, आर्थिक संकट, पारिवारिक दिक्कतें आदि दूर करने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो सफलता मिलती है और संकटों से छुटकारा मिलता है। होलिका दहन की रात्रि इन्हीं कुछ विशेष सिद्ध दिनों में से एक होती है। फाल्गुन पूर्णिमा की यह रात्रि हिंदू वर्ष के अंतिम माह की अंतिम रात्रि होती है। इसके बाद चैत्र माह प्रारंभ हो जाता है। यह ऐसी सिद्ध रात्रि होती है जब तंत्र-मंत्र की शक्तियां अपने चरम पर होती हैं।
आइए जानते हैं जीवन में आए संकटों को दूर करने के लिए इस दिन क्या उपाय किए जा सकते हैं..
- होलिका दहन वाले दिन घर में जितने सदस्य हों उनकी संख्या के बराबर जटा वाले नारियल लेकर सभी के सिर के ऊपर से एक-एक करके सात बार घड़ी की सुई की दिशा में घुमाएं। इन नारियल को होलिका दहन में डालकर आ जाएं। अगले दिन सुबह एक लोटा जल ले जाएं। होलिका दहन के आसपास जल अर्पित करें और उसमें से थोड़ी की राख ले आएं। इस राख को अपने घर के चारों ओर छिड़क दें। सभी सदस्यों के मस्तक पर उस राख की बिंदी लगाएं और बची हुई राख को एक डिब्बी में भरकर रख लें। इस उपाय से सभी सदस्यों की सर्वत्र रक्षा होगी। रोग परेशान नहीं करेंगे। घर में नकारात्मक शक्तियां नहीं आ पाएंगी।
- यदि आप आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं तो होलिका दहन से पूर्व दहन स्थल पर लोहे की एक कील गाड़ आएं। होलिका दहन के दूसरे दिन इस कील को ढूंढकर ले आएं। इसे गंगाजल से धोकर इस पूरी कील को सिंदूर में अच्छे से लपेट लें और लाल कपड़े में बांधकर या चंदन की लकड़ी से बनी डिब्बी में रखकर तिजोरी में रखें। इससे आर्थिक संकट दूर होने लगता है।
- यदि आप मानसिक रूप से परेशान हैं, परिवार में अनबन रहती हैं, आपकी बातों को महत्व नहीं मिलता तो फाल्गुन पूर्णिमा अर्थात होलिका दहन की रात्रि में चंद्रोदय होने पर चंद्र देव के दर्शन करें। जल का अर्घ्य देकर अक्षत से पूजा करें। खीर या दूध का नैवेद्य लगाएं और मानसिक सुख-शांति की प्रार्थना करें।
- यदि आपके परिवार में कोई सदस्य लंबे समय से बीमार है तो सवा मीटर काला कपड़ा लेकर उसमें काली हल्दी की आठ गांठें, आठ गोमती चक्र, तांबे का छल्ला और एक नारियल का सूखा गोला रखें। इसे बीमार सदस्य का हाथ लगवाकर पीपल वृक्ष के नीचे गड्डा खोदकर उसमें दबा दें। उसके ऊपर सरसो के तेल का दीपक लगाएं। यह प्रयोग होलिका दहन की शाम को करें।
- इस दिन हनुमान जी को चमेली के तेल में सिंदूर डालकर चोला चढ़ाएं। वहीं बैठकर सुंदरकांड का पाठ करें। हनुमानजी को हलवे का नैवेद्य लगाएं। इससे शीघ्र ही सारे संकट दूर होने लगते हैं। खासकर आर्थिक समस्याओं का निदान होने लगता है।
- पूर्णिमा की रात्रि में पीपल वृक्ष के नीचे सरसों के तेल के आठ दीपक लगाएं। वहीं बैठकर हनुमान चालीसा के आठ पाठ करें। अपनी समस्याओं के निदान की प्रार्थना हनुमानजी से करें। शीघ्र ही संकटों का समाधान मिलने लगेगा।
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