बिजनेस और शेयर मार्केट में लाभ के लिए पहनें गारनेट
नई दिल्ली। यदि आप बिजनेस, शेयर मार्केट, कमोडिटी बाजार में सफल होना चाहते हैं तो आपको गारनेट पहनने की सलाह दी जाती है। ऐसा क्यों, जबकिबिजनेस में सफल होने के लिए अनेक रत्न-उपरत्न आते हैं फिर गारनेट पहनने के लिए ही क्यों कहा जाता है। आखिर ऐसा क्या है इस उपरत्न में जो यह इतना ज्यादा प्रभावी होता है।
आइए जानते हैं विस्तार से...
गारनेट एक उपरत्न है जो काला, लाल, हरा, नीला जैसे अनेक रंगों में पाया जाता है लेकिन ज्यादातर लाल गारनेट ही पहनाया जाता है। रंगों के अनुसार इसके स्वामी भी अलग-अलग होते हैं। लाल गारनेट का स्वामी मंगल होता है, उसी प्रकार ब्लड कलर या थोड़ा कालापन लिए हुए जो गारनेट होता है उसका स्वामी राहू होता है। आप गारनेट के रंग पर मत जाइए, इसका मूल स्वभाव है व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ाना, पैसे को खींचना, भाग्य को चमकाना और पहनने वाले को सफलता दिलाना।
बिजनेस में क्यों सफलता देता है गारनेट
गारनेट के प्रमुख ग्रह स्वामी मंगल और राहू होते हैं। मंगल भाग्य और धन का देवता होता है और राहू आकस्मिक सफलता दिलाने वाला ग्रह है। राहू का संबंध लाटरी, सट्टा, शेयर मार्केट आदि से होता है। इसलिए गारनेट पहनने से इन सभी कार्यो में तेजी से लाभ मिलता है। बिजनेस में सफल होने के लिए जातक की जन्मकुंडली में बुध के साथ मंगल का शुभ होना भी आवश्यक होता है। कुंडली का द्वितीय भाव धन स्थान होता है, यदि इस स्थान पर मंगल है तो अवश्य ही गारनेट पहनने की सलाह दी जाती है ताकिधन स्थान का प्रभाव अधिक बढ़ सके।
गारनेट पहनने के लाभ
- गारनेट पहनने से आंतरिक ऊर्जा में वृद्धि होती है, यह पहनने वाले को आत्मविश्वास से भरपूर रखता है।
- प्राचीनकाल में राजा-महाराजाओं द्वारा नकारात्मक शक्तियों को दूर रखने के लिए गारनेट पहना जाता था।
- गारनेट पहनने से रक्त संबंधी विकार दूर होते हैं। रक्त शुद्ध करके यह शरीर को ऊर्जावान, कांतिवान बनाए रखता है। इसलिए त्वचा संबंधी रोगों में भी गारनेट पहनने की सलाह दी जाती है।
- गारनेट का सीधा संबंध बिजनेस से है। व्यापार में सफलता के लिए चांदी की अंगूठी में गारनेट पहनना चाहिए।
- व्यापारियों को कम से कम 10 ग्राम का गारनेट अपने कार्यस्थल की तिजोरी में रखना चाहिए।
- शेयर मार्केट, सटटा, लाटरी में सफलता के लिए गारनेट पहना जाता है। यह शेयर मार्केट के अप-डाउन से बचाता है। नुकसान यदि हो रहा है तो उसकी मात्रा बहुत कम हो जाती है।
- गारनेट पहनने वाले का आकर्षण प्रभाव जबर्दस्त हो जाता है। लव और रिलेशनशिप को बूस्ट करने का काम भी करता है गारनेट।
- यह व्यक्ति के औरा को क्लीन करता है। इससे अनेक प्रकार के रोग स्वत: दूर हो जाते हैं।
- जो लोग ज्यादातर टूर पर रहते हैं। टूरिंग जॉब करते हैं उन्हें गारनेट पहनना चाहिए। यह ट्रेवलिंग के दौरान सुरक्षा करता है।
- गारनेट उन लोगों को विशेषतौर पर पहनना चाहिए जिनके मन में अनजाना भय रहता है, जो हमेशा असुरक्षित महसूस करते हैं, जिनमें इनसिक्योरिटी की भावना रहती है।
कब और कैसे धारण करें
- गारनेट की मूल धातु चांदी है। इसे चांदी की अंगूठी, ब्रेसलेट या पेंडेंट के रूप में पहना जा सकता है।
- अंगूठी बनवा रहे हैं तो इसे अनामिका अंगुली में पहनें।
- पेंडेंट पहन रहे हैं तो इसकी चेन की लंबाई इतनी हो कियह हृदय से थोड़ा सा ऊपर रहे।
- गारनेट पहनने का सबसे अच्छा दिन होता शनिवार, रविवार और मंगलवार।
- किसी भी माह का शुक्लपक्ष हो और पुष्य नक्षत्र हो तो ज्यादा अच्छा है।
- निश्चित दिन पर गारनेट को गंगाजल से धोकर अपने इष्ट देव या गुरु देव का आशीर्वाद लेकर धारण करें।
क्या सावधानी रखें
- गारनेट पहनने से पहले किसी जानकार ज्योतिषी को अपनी कुंडली दिखा लें।
- गारनेट किसी भरोसेमंद व्यक्ति से खरीदें। स्क्रेच लगा हुआ, टूटा फूटा, क्रेक गारनेट न लें।
- गारनेट पहनने के बाद इसे रात में सोने से पहले निकालकर पानी के गिलास में डाल दें। क्योंकिगारनेट दिनभर नकारात्मक ऊर्जा को सोख लेता है इसलिए इसे क्लीन करना जरूरी होता है।
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