Diwali 2018: उल्लू भी देता है शुभ-अशुभ के संकेत, जानिए कैसे?
लखनऊ। दीपावली रात्रि जागरण का पर्व है। स्वयं को जगाना यानि अपनी आत्म चेतना के प्रकाश को जाग्रत करके जगत की अन्धकार रूपी माया में ईमानदारी, सद्बुद्धि, परोपकार, सत्यनिष्ठा, सकारात्मकता, राष्ट्रधर्म एंव नैतिकता की लौ जलाना। जैसे सूर्य अपने प्रकाश से सात रंगों की किरणों को बिखेर कर पूरे संसार को जाग्रत कर देता है, उसी प्रकार से कार्तिक मास की अमावस्या की घोर काली रात्रि को अग्नि के लघु रूपी दीपकों की ज्योति पूरे अन्धकार को प्रकाशमय में परिवर्तित करके मां लक्ष्मी का भव्य स्वागत व नमन करती है। माॅ लक्ष्मी जी का वाहन उल्लू है। उल्लू एक रात्रिचर प्राणी है, जिसे दिन में नहीं रात्रि में दिखाई देता है। आज हम आपको बतायेंगे कि उल्लू कैसे शुभ व अशुभ लक्षणों के संकेत देता है।
प्रातःकाल पूर्व की दिशा में उल्लू को बोलते हुये देखने वाले व्यक्ति को धन की प्राप्ति होती है।यदि पश्चिम दिशा में उल्लू बोल रहा है तो देखने वाले व्यक्ति को धन की हानि हो सकती है।यदि उत्तर की दिशा में उल्लू बोलता दिखे तो मृत्यु या दुर्घटना के संकेत हैं। दक्षिण दिशा में उल्लू को बोलते सुनने से शत्रु की हानि और धन लाभ हो सकता है।यदि यात्रा के समय उल्लू दांयी ओर दिखे तो यात्रा असफल होगी और यात्रा के समय पीछे की ओर दिखे तो यात्रा सफल होगी।
किसी रोगी के बिस्तर पर उल्लू बैठ जाये
बिना आवाज किये हुये किसी रोगी के बिस्तर पर उल्लू बैठ जाये तो वह रोगी शीघ्र स्वस्थ्य हो जायेगा।यदि किसी मकान पर उल्लू कई दिनों से आकर बैठता है तो उस घर में कुछ अनिष्ट होने वाला है। यदि किसी पेड़ पर आकर उल्लू लगातार बैठ रहा है, तो उस क्षेत्र में कोई बड़ी दूर्घटना घुटने की आशंका है।
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