चंद्रग्रहण के दौरान करें इन पांच मंत्रों का जाप, नहीं आएगी कोई परेशानी
ग्रहण के दौरान मंत्रों के जाप से न केवल इसके दुष्प्रभाव खत्म हो जाते हैं बल्कि ऐसा माना जाता है कि ईश्वर मनोकामना भी पूर्ण कर देते हैं।
नई दिल्ली। रक्षाबंधन के दिन यानी 7 अगस्त को चंद्रग्रहण भी है। इसे लेकर लोगों में तरह-तरह की भ्रांतियां हैं। ग्रहण के दौरान पूजा करें या नहीं? क्या यह समय बहुत बुरा होता है, लेकिन शास्त्रों में ग्रहणकाल को ईश्वर से सीधे जुड़ने का माध्यम माना गया है। ग्रहण के दौरान मंत्रों के जाप से न केवल इसके दुष्प्रभाव खत्म हो जाते हैं बल्कि ऐसा माना जाता है कि ईश्वर मनोकामना भी पूर्ण कर देते हैं।
आज साल 2017 का दूसरा चंद्रग्रहण लग रहा है। ये ग्रहण आज रात 10 बजकर 40 मिनट पर प्रारंभ होगा। इसे खंडग्रास चंद्र ग्रहण भी कहते हैं। इसका मध्य काल 11 बजकर 39 मिनट पर होगा और मोक्ष मध्यरात्रि में 12 बजकर 35 मिनट पर होगा। इस प्रकार ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटा 55 मिनट रहेगी।
शास्त्रों की मान्यता है कि ग्रहण काल में पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए, बल्कि मंत्रों का जाप करना चाहिए, ध्यान करना चाहिए। ग्रहण के समय किए गए मंत्र जाप से पुण्य की प्राप्ति होती है। मंत्रों के जाप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए और अगर यह रुद्राक्ष की माला के साथ हो और भी अच्छा रहता है। वैसे माला न भी हो तो भी आप ईश्वर का ध्यान कर मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
हनुमान जी का मंत्र- ऊं रामदूताय नम:
भगवान विष्णु का मंत्र- ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:
महादेव का जाप: ऊं नम: शिवाय
श्रीकृष्ण मंत्र- क्लीं कृष्णाय नम:
श्रीराम का जाप: सीताराम
महादेव के माथे पर चंद्रमा विराजमान है। ऐसे में महादेव का जप चंद्रग्रहण में बेहद उत्तम माना गया है। महादेव ने चंद्रमा को रोगमुक्त किया था, जिसके बाद चंद्रदेव ने गुजरात के सोमनाथ में भोलेनाथ का मंदिर खुद बनवाया था। सोम चंद्रदेव का ही एक नाम है। जो भी उपासक भोलेनाथ का प्रार्थना करता है, उसकी इच्छा चंद्रदेव हमेशा पूरी करते हैं।