
Chandra Grahan 2022: कार्तिक पूर्णिमा पर लगेगा खग्रास चंद्रग्रहण, 12 घंटे पहले लगेगा सूतक
Chandra Grahan 2022: संवत 2079 कार्तिक पूर्णिमा दिनांक 8 नवंबर 2022 मंगलवार को ग्रस्तोदित खग्रास चंद्रग्रहण लगने वाला है। यह चंद्रग्रहण ग्रस्तोदित होने के कारण ग्रहण लगने से चार प्रहर पूर्व अर्थात् सूर्योदय से ही ग्रहण का सूतक प्रारंभ हो जाएगा। यह चंद्रग्रहण मेष राशि और भरणी नक्षत्र में लगेगा। इसलिए जिन लोगों की राशि और लग्न मेष है और जन्म नक्षत्र भरणी है उनके लिए यह ग्रहण अशुभ रहेगा। शेष राशियों के लिए ग्रहण का प्रभाव अलग-अलग रहेगा।

8 नवंबर को चंद्रग्रहण का स्पर्श दोपहर 2 बजकर 39 मिनट पर होगा। ग्रहण का मध्य सायंकाल 4 बजकर 29 मिनट पर होगा और ग्रहण का मोक्ष चंद्रोदय के बाद सायंकाल 6 बजकर 19 मिनट पर होगा। ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटा 40 मिनट रहेगी। देश के विभिन्न स्थानों पर चंद्रोदय का समय भिन्न होने के कारण ग्रहण के प्रारंभ होने का समय चंद्रोदय के अनुसार अलग-अलग होगा किंतु ग्रहण का मोक्ष एक ही समय पर सायंकाल 6 बजकर 19 मिनट पर होगा।
ग्रहण के सूतककाल के नियम
यह चंद्रग्रहण ग्रस्तोदित होने के कारण ग्रहण लगने के चार प्रहर पूर्व अर्थात् सूर्योदय से ही ग्रहण का सूतक प्रारंभ हो जाएगा। सूतक काल के प्रारंभ होने के बाद आस्तिकजन को भोजन, शयन तथा अन्य सांसारिक सुखों का त्याग कर मात्र मानसिक देव चिंतन करना चाहिए। बालक, वृद्ध, रोगी, गर्भवती स्ति्रयां ग्रहण प्रारंभ होने के पांच घंटे पूर्व तक सात्विक भोजन आवश्यक मात्रा में ले सकते हैं। यथासंभव ग्रहणकाल में कुछ भी खाने-पीने से बचना चाहिए किंतु रोगी, बालक और गर्भवती स्ति्रयां तुलसी पत्र डले हुआ भोज्य पदार्थ ग्रहण कर सकती हैं। खाद्य पदार्थो में तुलसी पत्र अथवा कुशा ग्रहण का सूतक प्रारंभ होने से पूर्व ही डाल देना अनिवार्य है। ग्रहण के पर्वकाल में अपने इष्ट देव की आराधना, मंत्र जाप आदि करना चाहिए।
ग्रहण समाप्ति पर क्या करें
ग्रहण समाप्त हो जाने पर गंगा, यमुना, नर्मदा, क्षिप्रा आदि पवित्र या समीपवर्ती नदियों, जलाशय, कुएं-बावड़ी आदि में स्नान करें। ये सब उपलब्ध न हों तो नहाने के पानी में गंगा-नर्मदा आदि पवित्र नदियों का जल डाल लें। इसके बाद चंद्रमा के शुद्ध बिंब का दशर्न कर मंदिर आदि में पूजार्चन करें।
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