Apamarga ke faide: जानिए अपामार्ग के फायदे और पाइए हर कष्ट से मुक्ति
लखनऊ। बारिश में सहज उगने वाला लाल व सफेद रंग में मिलने वाला पौधा जिसे ओंगा, लटजीरा, चिरचिटा कहते हैं। यह आयुर्वेद तन्त्र व दैनिक उपयोग के लिए विशेष महत्व रखता है। अपामार्ग एक सर्वविदित क्षुपजातीय औषधि है। वर्षा के साथ ही यह अंकुरित होती है और ऋतु के अंत तक बढ़ती है तथा शीत ऋतु में पुष्प फलों से शोभित होती है। ग्रीष्म ऋतु की गर्मी में परिपक्व होकर फलों के साथ ही शुष्क हो जाती है। इसके पुष्प हरी गुलाबी आभा युक्त तथा बीज चावल होते हैं, जिन्हें ताण्डूल कहते हैं।
आईये जानते है अपामार्ग के क्या-क्या फायदे है...
व्यापार की प्रगति के लिए
यदि आपके व्यापार में लगातार हानि हो रही है तो आप रवि पुष्य नक्षत्र में श्वेत अपामार्ग को अपने व्यवसायिक स्थल पर रख दें। ऐसा करने से किसी भी प्रकार का किया गया तन्त्र निष्फल हो जाता है जिससे व्यापार में वद्धि होने लगती है।
विपत्ति नाश हेतु
मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा को प्रातः काल अपामार्ग की जड़ को लाकर उसका पंचोपचार से पूजन कर भुजा में धारण करने से बड़ी से बड़ी विपत्ति भी दूर हो जाती है।
वाक् सिद्धि के लिए
लाल अपामार्ग की टहनी से नियमित दातुन करने से वाक् सिद्धि हो जाती है।
सन्तान बाधा दूर करने के लिए
लाल अपामार्ग की जड़ को जलाकर बनाकर गई भस्म को गाय के दूध से नियमित सेवन करने से बाधायें दूर होती है और शीघ्र ही सन्तान प्राप्त होती है।
कीड़ों को नष्ट करने हेतु
- अपामार्ग के फल का चूर्ण लेने से मस्तक के कीड़े गिर जाते है और कफ रोग में लाभ मिलता है।
- श्वेत अपामार्ग की जड़ को अपने पास रखने से धन की बरक्कत होती है एवं घर की आर्थिक स्थिति अच्छी बनी रहती है।
- पुष्य नक्षत्र में श्वेत अपामार्ग की जड़ को लाकर फिर से अभिमंत्रित करके उसे पीसकर तिलक लगाने से लोग आपके प्रभाव में वशीभूत होने लगते है।
- अपामार्ग की पत्तियों को गुड़ में मिलाकर खाने हर प्रकार का ज्वर ठीक हो जाता है।
- जो लोग दन्त रोग से बहुत परेशान रहते है। वे अपामार्ग के पौधे को जलाकर उसकी भस्म बनायें फिर नियमित रूप से अपने दाॅतों पर मलें। ऐसा करने से दान्त रोग नष्ट हो जाते है।
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