Punjabi Kinnow का लुत्फ उठाने का बेहतरीन मौका, जानिए पंजाब के किन शहरों में होते हैं ये रसीले फल
Punjabi Kinnow बड़े पैमाने पर उगाए जाते हैं। अगर आप ताजे फल खाने के शौकीन हैं तो ये टाइम आपके लिए परफेक्ट है। छुट्टियों के इस सीजन में आप पंजाबी किन्नू का लुत्फ उठा सकते हैं। सीजन अक्टूबर अंत से फरवरी के बीच का होता है।
Punjabi Kinnow फलों के शौकीन लोगों के बीच काफी मशहूर हैं। सर्दियों में मीठे और रसभरे किनू लोगों को लुभाते हैं। फलों की खेती के लिए लोकप्रिय भारतीय राज्यों में पंजाब की गिनती भी होती है। खाद्यान्न की खेती के लिए लोकप्रिय पंजाब के लोग 'किन्नू' की भी बड़े पैमाने पर खेती करते हैं। यह भी दिलचस्प है कि किन्नू का सीजन अक्टूबर के अंत से फरवरी के बीच आता है। इस अवधि में ताजे किन्नू के फलों का लुत्फ उठाया जा सकता है। एग्रीकल्चर टूरिज्म में संभावनाएं और पंजाबी किन्नू की विशेषताओं पर पढ़िए ये रिपोर्ट
Punjabi Kinnow और एग्रीकल्चर टूरिज्म
गौरतलब है कि फलों के प्रमुख केंद्रों के रूप में पंजाब को गिना जाता है, ऐसे में फलों की खेती के अलावा वेकेशन टाइम में फलों को खाने के लिहाज से भी पंजाब की जर्नी प्लान की जा सकती है। अक्टूबर से फरवरी के बीच एग्रीकल्चर टूरिज्म में भी शानदार अवसर हैं। Punjabi Kinnow बठिंडा और होशियारपुर जिलों में बड़े पैमाने पर उगाया जाता है।
पंजाब के इन जिलों में Kinnow की खेती
अक्टूबर के अंत से फरवरी के बीच पंजाब में हजारों हेक्टेयर में हरे-भरे किन्नू के बाग देखे जा सकते हैं। अगर आप ताजे फलों के शौकीन हैं तो ये सोने पर सुहागा जैसा है। दी बेटर इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब के अबोहर, फाजिल्का, होशियारपुर, मुक्तसर साहिब और बठिंडा जैसे जिलों में आप सीधे पेड़ से तोड़कर रसीले किन्नू का लुत्फ उठा सकते हैं।
एक पेड़ से लगभग 1,000 किन्नू के फल
बता दें कि Kinnow नारंगी या संतरे की प्रजाति वाला रेशेदार और रसीले फल हैं। इसे उच्च उपज वाली किस्म माना जाता है। अच्छी तरह देखभाल के बाद एक स्वस्थ पेड़ से लगभग 1,000 किन्नू के फल मिल सकते हैं। फलों के शौकीन लोग किन्नू का इस्तेमाल ठंडे-ठंडे जूस, स्क्वैश, केक जैसे पेय पदार्थ बनाने के लिए कर सकते हैं।
पेड़ से तोड़कर किन्नू खाने का मजा
अगर आप सीधा पेड़ से तोड़कर किन्नू का आनंद उठाना चाहें तो पेड़ से किन्नू तोड़कर खाने का अनुभव लेने के लिए आप होशियारपुर के साइट्रस काउंटी जैसे फार्म से संपर्क कर सकते हैं। दी बेटर इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक होशियारपुर के अलावा कुछ और भी फलों के किसानों से संपर्क कर अक्टूबर अंत से फरवरी के सीजन में रसीले Punjabi Kinnow का लुत्फ उठाया जा सकता है।
भारतीय कैलीफोर्निया में फलों के बाग
ये भी रोचक तथ्य है कि अबोहर में बड़े पैमाने पर फलों के बाग हैं। इस कारण लोगों के बीच अबोहर कैलीफोर्निया नाम से भी लोकप्रिय है। मार्च अप्रैल में भीषण गर्मी के कारण किन्नू की फसल प्रभावित हुई है। जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक 80 फीसद फसल नष्ट होने की आशंका है। भले ही मौसम की मार के कारण फसल नष्ट होने की आशंका है, लेकिन इस जिले की करीब 34 हजार हेक्टेयर जमीन पर किन्नू के बाग हैं, ऐसे में एग्रीकल्चर टूरिज्म के तहत आप फलों की खेती की जानकारी लेने और रसीले फलों का लुत्फ उठाने के लिए वेकेशन प्लान कर सकते हैं।
Punjabi Kinnow का उत्पादन कम, कीमत अधिक
दिलचस्प तथ्यों के अलावा किन्नू की खेती की अनदेखी और उपेक्षा के आरोप भी लगे हैं। जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय किसान पिछले तीन सीजन से किन्नू की खेती को घाटे का सौदा बता रहे हैं। पहले महामारी के लॉकडाउन में नुकसान हुआ फिर अगले साल बाजार में सही कीमत नहीं मिली। अब मौसम की मार के कारण फसल नष्ट हुई है। माना जा रहा है कि इस सीजन में Punjabi Kinnow का उत्पादन कम होने के कारण कीमत बहुत अधिक हो सकती है। हालांकि, फल उगाने वाले बागवानों का कहना है कि किसानों को अच्छी आमदनी केवल सरकार की मदद से ही हो सकता है। फसल को नुकसान की भरपाई के लिए सरकार को आर्थिक मदद करनी चाहिए।