अंतर्राष्ट्रीय शिल्प शिखर सम्मेलन: सीएम पटनायक बोले- ओडिशा कला और शिल्प की एक शानदार भूमि
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह अपनी तरह का पहला शिल्प शिखर सम्मेलन है, जिसमें अग्रणी शिल्पकारों, संस्कृति और कला के प्रति उत्साही लोगों का संगम हुआ है। यह ओडिशा के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है।
भुवनेश्वरः ओडिशा के जाजपुर जिले के ब्यासनगर में शुक्रवार से दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय शिल्प शिखर सम्मेलन शुरू हुआ है, जिसमें दुनियाभर के 15 देश के प्रतिनिधि के साथ 20 अन्तर्राष्ट्रीय कलाकार एवं 100 से अधिक स्थानीय कारीगर, प्रतिनिधियों ने भाग लिया है। सम्मेलन में कुल 10 सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिसमें 50 वक्ता भाग लेकर अपने-अपने विचार रखेंगे। राज्य सरकार और जाजपुर जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस शिखिर सम्मेलन का वर्चुअल उद्घाटन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह अपनी तरह का पहला शिल्प शिखर सम्मेलन है, जिसमें अग्रणी शिल्पकारों, संस्कृति और कला के प्रति उत्साही लोगों का संगम हुआ है। यह ओडिशा के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। उन्होंने कहा कि जाजपुर जिला ओडिशा की प्राचीन राजधानी था। धार्मिक पर्यटन, शहरी पर्यटन और बौद्ध पर्यटन की अपनी मौजूदा परिसंपत्तियों के साथ, इसमें एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बनने की क्षमता है। जाजपुर की सांस्कृतिक विरासत अपने जीवंत कला रूपों में परिलक्षित होती है।
कला
और
संस्कृति
में
बसती
है
आत्मा
राज्य
के
सांस्कृतिक
वैभव
पर
बोलते
हुए,
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
ओडिशा
कला
और
शिल्प
की
एक
शानदार
भूमि
है।
हमारी
सभ्यतागत
यात्रा
हमारी
कलात्मक
संस्कृति
की
यात्रा
है।
हमारे
कारीगरों
के
कलात्मक
कौशल
कई
तरीकों
से
परिलक्षित
होते
हैं।
आप
इसे
हमारे
मंदिरों,
हमारी
मूर्तियों,
बौद्ध
मंदिरों,
हाथ
से
बुने
हुए
कपड़े,
पट्टा
पेंटिंग,
लकड़ी
के
काम,
धातु
के
काम
में
पा
सकते
हैं।
ओडिशा
के
हर
गांव,
हर
गली
में
कला
या
शिल्प
का
कोई
न
कोई
रूप
प्रदर्शित
होता
है।
ओडिशा
की
आत्मा
हमारी
कला,
शिल्प,
संगीत
और
संस्कृति
में
रहती
है।
कई
नीतियों
को
किया
लागू
उन्होंने
कहा
कि
ओडिशा
सरकार
प्रदेश
को
पर्यटकों
के
वैश्विक
हॉटस्पॉट
के
रूप
में
विकसित
करने,
आजीविका
और
रोजगार
के
अवसर
प्रदान
करने
और
राज्य
को
निवेशकों
के
लिए
आकर्षक
बनाने
के
लिए
ठोस
प्रयास
कर
रही
है।
इसके
अलावा
पहलों
के
बारे
में
बताते
हुए
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
हम
अपने
पर्यटन,
हथकरघा
और
हस्तशिल्प
क्षेत्र
के
समग्र
विकास
के
लिए
तंत्र
विकसित
कर
रहे
हैं।
हमने
राज्य
पर्यटन
नीति,
हस्तशिल्प
नीति,
परिधान
और
तकनीकी
वस्त्र
नीति
जैसी
विभिन्न
नीतियां
लागू
की
हैं।
हम विभिन्न स्थानों पर कला दीर्घाएं भी खोल रहे हैं, हेरिटेज वॉक का आयोजन कर रहे हैं और पर्यटन और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कई अन्य पहल कर रहे हैं। स्थानीय कारीगरों और अन्य हितधारकों के साथ जुड़ने के लिए 15 देशों के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि जाजपुर पहुंचे हैं, संयुक्त राष्ट्र की चार एजेंसियों और यूनेस्को के पांच क्रिएटिव शहरों ने राज्य सरकार की ओर से इस महत्वाकांक्षी और दूरदर्शी कार्यक्रम को साकार करने के लिए जिले के साथ भागीदारी की है, हम सभी के प्रति आभारी हैं।
इस अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अशोक पांडा, ग्रामीण विकास मंत्री प्रीति रंजन घड़ई, हथकरघा, कपड़ा एवं हस्तशिल्प मंत्री रीता साहू ने भाग लिया। उन्होंने ओडिशा की सांस्कृतिक विरासत और आधुनिक युग में इसके महत्व पर प्रकाश डाला। दक्षिण एशियाई देशों के लिए यूनेस्को संस्कृति क्षेत्र की प्रमुख श्रीमती जुन्ही हान ने स्थानीय कला, कलाकारों और कारीगरों को बढ़ावा देने के प्रयासों की सराहना की। प्रसिद्ध बोलिवुड अभिनेत्री दीया मिर्जा ने भी भाग लिया। कार्यक्रम में जाजपुर कलेक्टर ने स्वागत भाषण दिया और जिला परिषद कार्यकारी अधिकारी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
ओडिशा
की
कला
संस्कृति
ने
किया
प्रभावित:
दीया
मिर्जा
वहीं
बॉलीवुड
एक्ट्रेस
दीया
मिर्जा
ने
जाजपुर
के
ब्यासनगर
में
आयोजित
इंटरनेशनल
क्राफ्ट
कॉन्फ्रेंस
में
शिरकत
की।
उन्होंने
कहा
कि
वह
ओडिशा
आकर
बहुत
खुश
हैं
और
ओडिशा
की
कला
संस्कृति
ने
उन्हें
बहुत
प्रभावित
किया
है।
उन्होंने
यह
भी
कहा
कि
वह
फिर
आएंगी।