राज्य में आईपी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए ओडिशा सरकार कर रही प्रोत्साहित
राज्य सरकार ने बौद्धिक संपदा (आईपी) संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सालाना लगभग 50 लाख रुपए निर्धारित किए हैं।
भुव्नेश्वर, 15 दिसंबर। राज्य सरकार ने बौद्धिक संपदा (आईपी) संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सालाना लगभग 50 लाख रुपए निर्धारित किए हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग सचिव मनोज कुमार मिश्रा ने आज संयुक्त रूप से आयोजित 'राज्य में आईपी संस्कृति को बढ़ावा देना' नामक एक कार्यशाला में इस बात की जानकारी दी। मिश्रा ने कहा कि इस विषय पर जन-जागरूकता के लिए 10 लाख तक, पेटेंट पंजीकरण के लिए 40 हजार, अटॉर्नी शुल्क के लिए 20 हजार तक और जीआई पंजीकरण के लिए 10 हजार और क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यशालाओं के आयोजन के लिए 60 हजार से एक लाख तक का समर्थन शामिल है।
मिश्रा ने अपने भाषण में कहा कि आईपी रचनाकारों को राज्य में आईपी संस्कृति के निर्माण में तेजी लानी चाहिए और इसके लिए तकनीकी, कानूनी और वित्तीय सहायता का लाभ उठाना चाहिए, जो ओडिशा सरकार राज्य में आईपी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रदान कर रही है। इस अवसर पर राज्य के आईपी रचनाकारों के लाभ के लिए आईपीआर प्रबंधन दिशानिर्देशों के मुद्रित और डिजिटल/ऑनलाइन संस्करण भी जारी किए गए।
यह भी पढ़ें: चुनाव से पहले सियासी मैदान में पूर्व सीएम निशंक की एंट्री, जानिए उत्तराखंड की सियासत में क्यों खास हैं निशंक
इस कार्यशाला का आयोजन गोथापटना, भुवनेश्वर के एसटीपीआई एलीट केंद्र में आयोजित किया गया। कार्यशाला के सत्रों में आईपी प्रबंधन और रणनीति, आईपी डोमेन में व्यावहारिक अंतर्दृष्टि, आईपी अधिकार, कॉपीराइट, औद्योगिक डिजाइन और आईपीआर पर चयनित केस स्टडी जैसे विषयों को कवर करने वाले विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई।