केंद्र सरकार की देरी की वजह से ओडिशा में प्रभावित हो रहा स्कूली बच्चों का मिड डे मील
ओडिशा में राज्य सरकार ने भोजन तैयार करने के लिए एक लाख से अधिक रसोइयों को लगाया है, जिन्हें प्रति माह 1400 रुपये मिल रहे हैं।
ओडिशा में पिछले छह महीनों से केंद्र सरकार की तरफ से राज्य के स्कूलों को बच्चों को मध्याह्न भोजन (मिड डे मील) प्रदान करने के लिए फंड नहीं मिला है। हालांकि, इसकी वजह से स्कूलों में मिड डे मील नहीं रुका है, क्योंकि प्रधानाध्यापक और स्कूल समिति के अध्यक्ष (कुछ मामलों में) इस उद्देश्य के लिए स्कूल और जन शिक्षा विभाग से जल्द ही धन की प्रतिपूर्ति के आश्वासन के साथ अपनी व्यवस्था से धन खर्च कर रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि पिछले साल सितंबर के बाद से राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की देरी के कारण मिड डे मील के लिए स्कूलों को कोई धनराशि उपलब्ध नहीं कराई है। पीएम-पोषण के तहत दोपहर का भोजन क्रमशः केंद्र और राज्य के बीच 60:40 लागत व्यवस्था के साथ चलाया जाता है। इस व्यवस्था के तहत, केंद्र जहां खाद्यान्न की कुल लागत, खाद्यान्न के परिवहन और मध्याह्न भोजन के प्रबंधन और निगरानी को वहन करता है, वहीं राज्य सरकार खाना पकाने की लागत और रसोइयों-सह-सहायकों को मानदेय का खर्च उठाता है।
ओडिशा में राज्य सरकार ने भोजन तैयार करने के लिए एक लाख से अधिक रसोइयों को लगाया है, जिन्हें प्रति माह 1,400 रुपये मिल रहे हैं। स्कूल और जन शिक्षा विभाग के विशेष सचिव रघुराम अय्यर ने कहा कि चूंकि केंद्र ने अपने हिस्से की धनराशि जारी नहीं की है, इसलिए स्कूलों को आवंटन में देरी हुई है।
पीएम-पोषण पोर्टल के अनुसार, राज्य के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक दोनों स्कूलों के 44,28,963 स्कूली बच्चों को दोपहर का भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं राशन के लिए प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर पर प्रत्येक छात्र पर क्रमश: 5.42 रुपये एवं 8.10 रुपये की राशि खर्च की जा रही है। दैनिक खर्च के मुताबिक बाजार मूल्य, मौसमी सब्जियों की उपलब्धता, औसत इकाई लागत प्राथमिक छात्रों के लिए 25.42 रुपये और उच्च प्राथमिक छात्रों के लिए 18.10 रुपये रखते हुए किया जाना है।