गुलाम नबी आजाद से मुलाकात पड़ी भारी, विरोधियों के निशाने पर आए भूपेंद्र सिंह हुड्डा
चंडीगढ़। कांग्रेस पार्टी छोड़ चुके गुलाम नबी आजाद से मुलाकात करना हरियाणा के कद्दावर कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए मुसीबत बन गया है। वो न केवल विरोधियों के निशाने पर आ गए बल्कि अपनी पार्टी भी नाराज हो गई।
कांग्रेस छोड़ चुके गुलाम नबी आजाद से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मुलाकात के बाद हरियाणा कांग्रेस में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। हुड्डा को राज्य कांग्रेस की एकतरफा कमान मिलने के बाद शांत बैठी पूर्व प्रदेश अध्यक्षा कुमारी सैलजा एकदम सक्रिय हो गई हैं। उनके सहित पूर्व मंत्री किरण चौधरी के समर्थक और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान सदस्य पंकज पूनिया ने हुड्डा को निशाने पर लिया है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की मौजूदा सदस्य कुमारी सैलजा ने प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल सहित राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को पत्र लिखकर हुड्डा और आजाद की मुलाकात का मामला संज्ञान में लाया है। पंकज पूनिया ने ट्वीट कर कांग्रेस हाईकमान से आजाद के घर जाने वाले हुड्डा सहित अन्य दोनों नेताओं को नोटिस थमाने का आग्रह किया है।आजाद से हुड्डा की मुलाकात पर सबसे पहले कुमारी सैलजा ने मोर्चा खोला है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि गुलाम नबी आजाद से उनकी मुलाकात किसी से छुपी नहीं है। आजाद से उनकी मुलाकात पर सवाल उठाने वाले नेताओं की निराशा बोल रही है। आजाद उनके पुराने साथी हैं। एक ही परिवार में दोनों ने लंबे समय से काम किया है। हमने एक मांग कांग्रेस हाईकमान के समक्ष रखी थी, वह हाईकमान ने मान ली है। सोनिया गांधी संगठन का चुनाव करवा रही हैं। ऐसे में आजाद ने जब अचानक कांग्रेस छोड़ी तो वे उनसे इसका कारण पूछने गए थे।
हुड्डा ने कहा कि उन्होंने आजाद को यह भी नसीहत दी है कि अब वह कोई कटुता भरी बात नहीं करें। पूर्व सीएम ने सफाई देते हुए वे हमेशा कांग्रेस और गांधी परिवार के साथ रहे हैं। आज भी वे गांधी परिवार के साथ खड़े हैं। चार सितंबर को महंगाई के खिलाफ दिल्ली में होने वाली रैली में जब हरियाणा के लोग जुटेंगे तो सबके मुंह बंद हो जाएंगे।