खूंटी के बाद झारखंड के इन 17 स्थानों पर बनेगी किसान पाठशाला, यूपी और केंद्र सरकार भी हुई प्रभावित
Kisan Pathshala: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार किसानों को आधुनिक और सशक्त बनाने के लिए 'किसान पाठशाला' शुरु की है। किसान पाठशाला की चर्चा केंद्र सरकार सहित अन्य राज्यों में भी हो रही है।
Kisan Pathshala: झारखंड के किसानों को आधुनिक तकनीकों के साथ जोड़ते हुए उन्हें सशक्त बनाने की पहल शुरू हुई है। ऐसी ही एक पहल 'किसान पाठशाला' है। राज्य के खूंटी जिले से शुरू इस किसान पाठशाला की चर्चा केंद्र सरकार सहित अन्य राज्यों में भी हो रही है। खूंटी जिला प्रशासन द्वारा विकसित इस एग्रो-टेक्नोलॉजिकल पार्क सह कृषक पाठशाला से जिस तरह किसानों को फायदा हो रहा है, उसे देखते हुए 11 मंत्रालयों के सचिवों के साथ सीईओ की अध्यक्षता वाली नीति आयोग की अधिकार प्राप्त समिति ने भी अनुमोदित कर दिया है। इसे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अपने यहां 17,000 किसान पाठशाला बनाने का फैसला किया है।
बता दें, एग्रो-टेक्नोलॉजिकल पार्क सह कृषक पाठशाला तकनीकी में झारखंड के किसानों को आधुनिक पद्धति के जरिए खेती-बारी की जानकारी दी जा रही है, ताकि खेती से इनके आय में बढ़ोत्तरी हो। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीते साल अक्टूबर माह में खूंटी के कर्रा में पहले किसान पाठशाला का उद्घाटन किया था। तब उन्होंने कहा था कि कृषि पाठशाला स्थापित के लिए राज्य सरकार मिशन मोड पर काम कर रही है। अगले तीन वर्षों में राज्य में 100 कृषि पाठशाला खोलने का लक्ष्य है। पहले चरण में 17 कृषि पाठशाला खोले जायेंगे। अब इन 17 स्थानों और इसे बनाने के लिए चयनित एजेंसियों का चयन कर लिया गया है।
इन
17
स्थानों
पर
बनायेगी
किसान
पाठशाला
-
रांची
में
बुंडू
(ग्रामीण
विकास
ट्रस्ट)
-
लातेहार
में
मनिका
(भारतीय
लोककल्याण
संस्थान)
-
गढ़वा
में
मेराल
(ग्रामीण
इम्प्रूवमेंट
चैरिटी)
-
दुमका
में
रनेश्वर
(सिद्धू-कान्हू
अल्पसंख्यक
विकास
समिति)
-
पूर्वी
सिंहभूम
में
पाटम्बा
(प्रगति
एजुकेशनल
एकेडमी)
-
गुमला
में
बसिया
(शशांक)
-
साहेबगंज
में
बरहवा
(शिक्षा
एवं
कल्याण
समिति)
-
लोहरदगा
में
कुडू
(सिटीजन
फाउंडेशन)
-
खूंटी
में
मुरहू
(गायत्री
सेवा
संस्थान)
-
रामगढ़
(सोशल
एक्शन
फॉर
रूरल
डेवलपमेंट)
-
हजारीबाग
में
बड़कागांव
(राजीव
गांधी
मेमोरियल
ट्रस्ट)
-
पश्चिम
सिंहभूम
में
झींकापानी
(इनटिको
टेकनिकल
सर्विस
प्राइवेट
लिमिटेड)
-
गिरिडीह
में
पटम्बा
(श्रद्धा
एग्रो
एजेंसी)
-
बोकारो
में
नवाडीह
(आदर्श
ग्राम
विकास
सेवा
समिति)
-
देवघर
में
खारोन
(ग्रिनरी)
-
सरायकेला-खरसावां
में
राजनगर
(प्रवतीय
दुर्गम
शिक्षा
विकास
समिति),
-
धनबाद
में
गोविंदपुर
(आर्यभट्ट
एजुकेशनल
एंड
हेल्थ
ट्रस्ट)
यूपी
सरकार
भी
हुई
प्रभावित,
किसान
पाठशाल
बनाने
का
लिया
फैसला
बीते
जनवरी
माह
को
खूंटी
पहुंचे
केंद्रीय
ग्रामीण
विकास
सचिव
शैलेश
कुमार
सिंह
ने
भी
किसान
पाठशाला
को
देख
कर
सराहना
की
थी।
उन्होंने
कहा
था
कि
मॉडल
को
पूरे
देश
में
विकसित
करने
का
प्रयास
किया
जायेगा।
नीति
आयोग
के
अनुमोदन
से
पहले
उत्तर
प्रदेश
में
17000
किसान
पाठशाला
बनाने
का
फैसला
हुआ
है।
झारखंड
हाईकोर्ट
के
जज
एसएन
पाठक,
मुख्य
सचिव
सुखदेव
सिंह,
ग्रामीण
विकास
और
कृषि
सचिव
भी
खूंटी
जिला
प्रशासन
द्वारा
शुरू
इस
किसान
पाठशाला
का
निरीक्षण
कर
इसकी
सराहना
कर
चुके
हैं।
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मौसम
के
अनुरूप
खेती
को
दिया
जा
रहा
बढ़ावा
बता
दें,
किसान
पाठशाला
में
किसानों
को
मौसमी
सब्जियां
जैसे-टमाटर,
गोभी,
शिमला
मिर्च,
ब्रोकली,
बैंगन,
बीन्स
आदि
को
बढ़ावा
दिया
जा
रहा
है।
मौसम
के
अनुरूप
किसान
वैज्ञानिक
तरीके
से
किस
तरह
नए-नए
फसलों
को
तैयार
कर
अपनी
आय
बढ़ा
सकते
हैं,
इसकी
जानकारी
भी
इन
किसान
पाठशाला
में
दी
जा
रही
है।
इन
फलों
में
स्ट्रॉबेरी,
ड्रैगन
फ्रूट,
एवोकैडो
(एलिगेटर
नाशपति),
अमरूद,
चीकू,
बीज
रहित
नींबू
सहित
तरबूज
की
खेती
आदि
करना
प्रमुखता
से
शामिल
है।