झारखंड पर्यटन विभाग ने की नई पहल
पहाड़ों पर बसे नेतरहाट में अब पर्यटक होम स्टे भी कर सकेंगे। आदिम जनजाति समुदाय के बीच रहकर ग्रामीण व्यंजनों का आनंद उठा सकेंगे।
रांची,8 दिसंबर: पहाड़ों पर बसे नेतरहाट में अब पर्यटक होम स्टे भी कर सकेंगे। आदिम जनजाति समुदाय के बीच रहकर ग्रामीण व्यंजनों का आनंद उठा सकेंगे। मनोरंजन की भी व्यवस्था रहेगी। ग्रामीणों की आमदनी बढ़ाने के लिए पर्यटन विभाग ने यह पहल की है। होम स्टे के लिए पर्यटकों काे खपरैल मकान के एक कमरे का 800 से एक हजार और पक्के घर में रहने के लिए 1000-1500 रुपए किराया देना होगा।
डीसी भोर सिंह यादव ने कहा कि ग्रामीण पर्यटन परियोजना के तहत पहले चरण में नेतरहाट के सिरसी गांव का चयन किया गया है। नेतरहाट में हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं। नए साल में नेतरहाट आने वाले पर्यटकों को गांव में होम स्टे की सुविधा मिलेगी। साथ ही, आदिम जनजाति समाज के लोगों के बीच रहकर उनकी सभ्यता और संस्कृति काे नजदीक से देख सकेंगे। घरों काे पर्यटन विभाग की ओर से सजाया जा रहा है। सनसेट और सनराइज प्वाइंट की ओर जाने वाली सड़क के किनारे बने घर अब एक ही रंग में दिखेंगे। नए साल की शुरुआत में यहां नेशनल कॉन्क्लेव और राष्ट्रीय स्तर का मेला भी आयोजित करने की योजना है।
सिरसी गांव में 74 घर, सभी काे बनाया जा रहा आकर्षक: नेतरहाट के पंचायत सेवक सत्यम संकेत ने बताया कि सिरसी गांव से सनसेट और सनराइज का खूबसूरत दृश्य दिखता है। इस कारण यह जगह पर्यटकों को होम स्टे के लिए लुभाएगी। सिरसी में 74 घर हैं। पर्यटकों के लिए आरामदायक कमरों का निर्माण किया जा रहा है। मंगनोलिया सनसेट प्वाइंट जाने के रास्ते के सभी घरों को क्रीम और मैरून रंग से रंगा जा रहा है। बांस से घेरा जा रहा है। रास्ते ठीक किए जा रहे हैं। कोयल व्यू, मंगनोलिया सनसेट प्वाइंट, शैले हाउस, अपर घाघरी व लोवर घाघरी को विकसित किया जा रहा है। मुख्य सचिव और पर्यटन सचिव के निर्देश पर महुआडांड़ एसडीओ व बीडीओ ने स्थानीय मुखिया और ग्रामीणों के साथ बैठकें की हैं। अतिक्रमित रास्तों और जमीन को खाली कराने के लिए नोटिस दिया गया है।