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Jharkhand News: अब जानवरों के लिए भी शुरू होगी एंबुलेंस सेवा, पशुपालन विभाग दुमका से करेगा इसकी शुरुआत

राज्य के कृषि एवं पशुपालन मंत्री बादल पत्रलेख ने बताया कि सरकार पशुपालन को लेकर चिंतित है।

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दुमका: अभी तक घायल या बीमार को इलाज के लिए एंबुलेंस से भेजा जाता था। अब पशुओं के लिए भी एंबुलेंस चलाई जाएगी। केंद्र के साथ मिलकर राज्य सरकार राज्य के सभी जिले के प्रखंडों में इस सेवा को शुरू करने जा रही है। दो माह के अंदर सबसे पहले इसकी शुरूआत दुमका जिले से होगी।

सरकार पशुपालन करने वालों के लिए चिंतित

राज्य के कृषि एवं पशुपालन मंत्री बादल पत्रलेख ने बताया कि सरकार पशुपालन करने वालों के लिए चिंतित है। कई बार पशुपालक बीमार पशुओं को चिकित्सक के पास ले जाने में असमर्थ रहते हैं और इलाज के अभाव में उनकी मौत हो जाती है।

पशुपालन विभाग शुरू कर रहा एंबुलेंस सेवा

एक पशु की मौत का दर्द पशुपालक के अलावा कोई नहीं समझता है। इलाज के अभाव में किसी मवेशी की मौत नहीं हो, इसके लिए पशुपालन विभाग एंबुलेंस सेवा शुरू कर रहा है। केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से दो माह के अंदर यह सेवा शुरू हो जाएगी।

दुमका से होगी शुरुआत

दुमका जिले के सभी दस प्रखंड से इसकी शुरूआत होगी। इसके बाद राज्य के सभी जिलों के प्रखंड में सेवा शुरू की जाएगी। इससे यह लाभ होगा कि अगर किसी पशुपालक का मवेशी बीमार होगा तो 108 की तरह दिया जाने वाला एक नंबर डायल करेगा और पशु चिकित्सक के साथ रिसोर्स पर्सन की टीम एंबुलेंस लेकर दरवाजे पर पहुंच जाएगी।

प्राथमिक चिकित्सा के बाद अगर मवेशियों को रेफर करने की जरूरत होगी तो उसकी भी व्यवस्था की जाएगी। प्रयास है कि इलाज के अभाव में किसी के मवेशी की मौत नहीं हो।

अंतिम संस्कार के लिए बनेगा गौ मुक्ति धाम

पशुपालन मंत्री ने बताया कि मवेशी के मरने के बाद पशुओं को इधर उधर फेंक दिया जाता है। पशुपालक विधि विधान से अंतिम संस्कार करना चाहते हैं, लेकिन जगह नहीं मिल पाती है। मजबूरी में इधर उधर फेंक देते हैं। इस तरह से नहीं होना चाहिए। उनका भी विधि विधान से एक ही स्थल पर अंतिम संस्कार होना चाहिए।

पलामू से इसकी शुरूआत की गई है। दुमका या फिर देवघर में खोलने का प्रयास चल रहा है। इसके बाद राज्य जिले के सभी प्रखंड खासतौर पर शहर में इसका निर्माण कराया जाएगा।

जरमुंडी में कृषि विज्ञान केंद्र के लिए जमीन की तलाश

कृषि मंत्री ने बताया कि वे अपने विधानसभा क्षेत्र के किसानों को फसल का सही लाभ दिलाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित करना चाहते हैं। इसके लिए 25 एकड़ जमीन की आवश्यकता है। उपायुक्त से जमीन दिलाने पर बात हुई है। जमीन मिलते ही इस पर काम शुरू हो जाएगा। यह केंद्र एक प्रकार से डिमांड बेस केंद्र होगा।उन्होंने कहा कि अक्सर किसान पैदावार तो करते हैं, लेकिन उसका वाजिब दाम तो दूर खर्च हुए पैसा तक निकल पाता है। केंद्र के वैज्ञानिक किसानों को बताएंगे कि किस समय कौन सी सब्जी की मांग होगी। किस समय पैदावार की जाए तो कितना लाभ होगा। केंद्र के खुलने से किसानों को सबसे अधिक फायदा होगा।

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English summary
Jharkhand News: Now ambulance service will start for animals also,
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