Health Index: हरियाणा भारत का एकमात्र ऐसा राज्य जहां स्टाफ नर्सों की कमी नहीं, प्रदर्शन रहा बढ़िया
चंडीगढ़। नीति आयोग की तरफ से स्वास्थ्य सूचकांक जारी किया गया है। इसमें बेहतर स्वास्थ्य प्रणालियों के ओवरऑल प्रदर्शन में हरियाणा आगे रहा है। प्रदेश ने आधार वर्ष 2018-19 के रैंक को 2019-20 में भी बरकरार रखा है। हरियाणा एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां स्टाफ नर्सों की कमी नहीं पाई गई। सरकार ने अपने पूरे स्टाफ को आईटी आधारित ह्यूूमन रिसोर्स मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम से कवर किया है।
आयोग के सूचकांक अनुसार जिला, उप-जिला अस्पताल, पीएचसी गुणवत्ता मान्यता सुधार के मामले में भी हरियाणा अग्रणी राज्यों में से एक है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में सरकार लगातार स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ करने में जुटी है। डॉक्टरों की मांग को पूरा करने के लिए हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रक्रिया जारी है। हर वर्ष 2500 डॉक्टर तैयार करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए एमबीबीएस की सीटें बढ़ाकर 1685 की गई हैं, जो 2014 में 700 थीं। एमबीबीएस की सीटों के साथ-साथ लगभग 600 सीटें पीजी कोर्स की भी बढ़ाई हैं।
बाढ़सा
में
बना
राष्ट्रीय
कैंसर
संस्थान
हरियाणा
को
केंद्र
सरकार
से
मेडिकल
क्षेत्र
में
सहयोग
मिल
रहा
है।
झज्जर
जिले
के
बाढ़सा
में
राष्ट्रीय
कैंसर
संस्थान
स्थापित
किया
गया
है।
रेवाड़ी
में
एम्स
व
पंचकूला
में
आयुर्वेद
का
एम्स
बनाने
की
प्रक्रिया
जारी
है।
अन्य
विभागों
की
तुलना
में
शिक्षा
व
स्वास्थ्य
विभाग
को
बजट
आवंटन
में
प्राथमिकता
दी
जा
रही
है।
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अन्य विभागों के वार्षिक बजट में 5-7 प्रतिशत की वृद्धि की जाती है जबकि शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग के बजट में 12-15 प्रतिशत की वृद्धि होती है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य सूचकांक को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और विश्व बैंक के सहयोग से नीति आयोग जारी करता है। इसमें समग्र स्तर पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन और वृद्धिशील सुधार की वार्षिक रैंकिंग की जाती है।