CM खट्टर बोले- फैक्ट्री का माल बेचने करने पर प्लाईवुड उद्योगपतियों की 2% मार्केट फीस वापस होगी
यमुनानगर। जो उद्योगपति अपनी फैक्टरी का माल निर्यात करेगा उसकी दो प्रतिशत मार्केट फीस वापस की जाएगी। हरियाणा के प्लाईवुड उद्योग में प्रदेश के लोगों को रोजगार देने पर सरकार द्वारा सात साल तक प्रति वर्ष 48 हजार रुपये प्रति कर्मचारी उद्योगपति को दिए जाएंगे। प्लाईवुड का नया उद्योग लगाने पर 10 साल तक 1.5 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। उद्योग में निर्यात करने के लिए एक प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी, जिसकी अधिकतम राशि 10 लाख रुपये तक होगी।
वहीं यमुनानगर में 50 करोड़ रुपये की लागत से फॉरेस्ट रिसर्च सेंटर बनाया जाएगा, जिससे उद्योगपतियों व किसानों को लाभ मिलेगा। यह घोषणाएं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को यमुनानगर के स्वर्ण जयंती हॉल में आयोजित हरियाणा प्लाईवुड कॉन्क्लेव में प्लाईवुड कारोबारियों को संबोधित करते हुए की। कार्यक्रम में असम के उद्योग मंत्री चंद्र मोहन पटोवारी भी विशेष रूप से मौजूद रहे। कॉन्क्लेव के आयोजन का मुख्य उद्देश्य यह था कि प्लाईवुड के निर्यात में बढ़ोतरी कैसे की जाए।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमारा लक्ष्य निर्यात को बढ़ावा देकर विदेशी मुद्रा को बचाना है। इसके लिए प्लाईवुड मार्केट को विश्व में पहचान दिलानी होगी। एक-दूसरे राज्य आपस में मिलकर काम करेंगे तो एक भारत-श्रेष्ठ-भारत बनेगा। गत वर्ष हरियाणा में प्लाईवुड का आठ हजार करोड़ रुपये का उत्पादन हुआ, परंतु उसमें से 95 करोड़ रुपये का निर्यात किया गया जो कि बहुत कम है। घरेलू निर्यात को कैसे बढ़ाया जाए इस पर विचार करना है ताकि प्रदेश की आर्थिक स्थिति में बढ़ोत्तरी हो सके।
उन्होंने
कहा
कि
यमुनानगर
उत्तर
भारत
का
सबसे
बड़ा
प्लाईवुड
क्षेत्र
है।
निर्यात
के
क्षेत्र
में
इसको
कैसे
बढ़ाया
जाए
इसके
लिए
विचार
करने
की
जरूरत
है।
भारतीय
प्लाईवुड
सेक्टर
में
वर्ष
2026
तक
5.5
प्रतिशत
वृद्घि
होने
की
उम्मीद
है।
इसके
तहत
जो
भी
उद्योगपति
अपने
सामान
का
निर्यात
करेगा
10
साल
तक
उन्हें
1.5
प्रतिशत
वार्षिक
सब्सिडी
दी
जाएगी।
असम
के
उद्योग
मंत्री
चंद्र
मोहन
पटोवारी
ने
कहा
कि
प्लाईवुड
के
क्षेत्र
में
बहुत
संभावनाएं
हैं।
यदि
हरियाणा
के
लोग
प्लाईवुड
उद्योग
असम
में
लगाना
चाहते
हैं
तो
वहां
पर
सभी
जरूरी
सुविधाएं
उपलब्ध
हैं।
हरियाणा के 10 जिलों में चलेंगी 800 इलेक्ट्रिक बसें, सरकार बोली- 200 एसी वाली भी होंगी
हरियाणा में जहां पॉपुलर की खेती अधिक होती है। वहीं असम में बांस की खेती बहुत मात्रा में होती है। बांस से बेहतर प्लाई बनाई जा सकती है। उन्होंने हरियाणा के उद्योगपतियों से कहा कि वह असम में उद्योग लगाएं वहां की जलवायु उद्योगों के लिए अनुकूल है। रेलमार्ग, सड़क मार्ग की विशेष सुविधा है। मिजोरम, बांग्लादेश व थाइलैंड का केवल एक घंटे का रास्ता है। शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा कि उद्योग से रोजगार मिलते हैं। जहां उद्योग होगा उस क्षेत्र में संपन्नता होगी। यमुनानगर में प्लाईवुड उद्योग से हजारों युवाओं को रोजगार मिल रहा है। यमुनानगर के प्लाईवुड उद्योगपतियों ने चाइनीज उद्योगपतियों को घुसने नहीं दिया।