'आउट ऑफ स्कूल चिल्ड्रेन' पर CS सख्त, हरियाणा के 4 विभागों से रिपोर्ट तलब
हरियाणा में 'आउट ऑफ स्कूल चिल्ड्रेन' (OOSC) को लेकर मुख्य सचिव संजीव कौशल सख्त हो गए हैं। उन्होंने श्रम, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से इस मामले की स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। साथ ही उन्होंने जिलावार स्कूल न जाने वाले बच्चों की रिपोर्ट भी विभागों से मांगी है।
कौशल ने कहा कि प्रदेश सरकार स्कूल न जाने वाले बच्चों को दोबारा शिक्षा प्रणाली से जोड़ने के लिए अथक प्रयास कर रही है, ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा के मूल अधिकार से वंचित न रहे। इसके लिए हर स्तर पर मॉनिटरिंग की जरूरत है।
हरियाणा
में
1575
बच्चे
नहीं
जा
रहे
स्कूल
अधिकारियों
ने
मुख्य
सचिव
संजीव
कौशल
को
बताया
कि
हरियाणा
में
स्कूल
न
जाने
वाले
1575
बच्चों
की
पहचान
की
गई
है,
जिनमें
से
787
को
राज्य
के
विभिन्न
स्कूलों
में
नामांकित
किया
गया
है,
जबकि
दस्तावेज
तैयार
करने
की
प्रक्रिया
और
बाकी
बच्चों
को
राज्य
सरकार
की
योजनाओं
से
जोड़ने
का
काम
चल
रहा
है।
24
घंटे
में
जानकारी
करनी
होगी
अपलोड
कौशल
ने
अधिकारियों
को
स्कूल
न
जाने
वाले
बच्चों
की
जिलेवार
वर्तमान
स्थिति
को
राष्ट्रीय
बाल
अधिकार
संरक्षण
आयोग
(NCPCR)
के
बाल
स्वराज
पोर्टल
पर
28
जनवरी
तक
अपलोड
करने
के
निर्देश
दिए।
इन
बच्चों
में
विकलांग,
घर
से
पढ़ाई
करने
वाले
बच्चे,
चाइल्ड
लेबर,
अनमैप्ड
मदरसों
और
प्रवासी
बच्चे
और
ऐसे
बच्चे,
जिन्होंने
कोरोना
महामारी
के
दौरान
दोनों
या
एकल
माता-पिता
को
खो
दिया
है
की
जानकारी
भी
शामिल
है।
हरियाणा: गन्ने की कीमत बढ़ाए जाने के बाद किसानों का आंदोलन खत्म
सीएस
ने
ये
भी
मांगी
जानकारी
इसके
अलावा,
संबंधित
विभाग
भी
निजी
स्कूलों
में
नामांकित
बच्चों,
जिन्हें
RTE
अधिनियम
का
लाभ
नहीं
मिल
रहा
है
तथा
सरकारी
स्कूलों
में
नामांकित
बच्चों
के
बारे
में
स्टेटस
रिपोर्ट
अपलोड
करने
के
निर्देश
दिए।
कौशल
ने
अधिकारियों
को
राज्य
में
खुले
शेल्टर
की
संख्या
की
वर्तमान
स्थिति,
संस्थागत
देखभाल
में
रखे
गए
और
केंद्र
और
राज्य
सरकार
की
योजनाओं
से
जुड़े
बच्चों
की
जानकारी
भी
प्रस्तुत
करने
के
निर्देश
दिए।