CM हेमंत सोरेन करेंगे आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक, सुखाड़ से है झारखंड का बुरा हाल
मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने गुरुवार को सभी जिलों के उपायुक्तों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर वर्षापात, धान की खेती और सुखाड़ की स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने वैकल्पिक खेती, पेयजल और तालाबों में पानी की स्थिति के बारे में भी जान
रांची 19 अगस्त: मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने गुरुवार को सभी जिलों के उपायुक्तों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर वर्षापात, धान की खेती और सुखाड़ की स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने वैकल्पिक खेती, पेयजल और तालाबों में पानी की स्थिति के बारे में भी जाना। इसके बाद मुख्य सचिव ने विभागीय सचिवों के साथ भी विचार-विमर्श किया। इसमें सीएम की अध्यक्षता वाली आपदा प्रबंधन प्राधिकार के सामने पूरी स्थिति रखने पर सहमति बनी। गुरुवार को ही आपदा प्रबंधन की बैठक होनेवाली थी, जो नहीं हो पाई। अब इस बैठक के लिए सीएम से तिथि तय करने का प्रस्ताव मुख्य सचिव भेजेंगे। बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग, कृषि, जल संसाधन व स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक प्रजेंटेशन दिया जाएगा।
उसके बाद प्राधिकार सुखाड़ पर निर्णय लेगा। राज्य में मानसून की देर से हुई बारिश ने धान रोपनी का कुछ प्रतिशत तो बढ़ाया है, पर सूखे की स्थिति अब भी कायम है। राज्य के 24 जिलों के 126 प्रखंडों में सर्वेक्षण करने गए कृषि अधिकारियों ने जो रिपोर्ट सौंपी है, वह बता रही है कि राज्य में सुखाड़ की स्थिति भयावह है। संथाल परगना और पलामू प्रमंडल की स्थिति सबसे खराब है। कृषि अधिकारियों ने बताया कि विलंब से रोपनी होने पर उत्पादन में 60 प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिलती है। आगे भी बारिश ने धोखा दिया तो पैदावर और प्रभावित होगी।
राज्य में सुखाड़ की स्थिति, धान 31%, मकई 64%, दलहन 45% और तेलहन की खेती मात्र 41% हुई
17 अगस्त तक राज्य में हुई विभिन्न फसलों की खेती की रिपोर्ट के अनुसार, धान की रोपनी मात्र 31 प्रतिशत हुई है। मकई 64 प्रतिशत, दलहन 45 प्रतिशत और तेलहन की खेती 41 प्रतिशत हुई है। पिछले एक सप्ताह में लगातार बारिश तो हुई, पर बिचड़े के जल जाने की स्थिति में धान की रोपनी नहीं हो पाई। हालांकि पूरे राज्य में इस एक सप्ताह में करीब 9 प्रतिशत धान का रोपनी बढ़ी है। 11 अगस्त को जहां धान का रोपा 21.59 प्रतिशत हुआ था, वहीं 17 अगस्त की रिपोर्ट के अनुसार 30.60 रोपनी हुई है।
पलामू
प्रमंडल
में
5.52%
तो
संथाल
में
5.66%
ही
हुई
रोपनी
पलामू
प्रमंडल
और
संथाल
परगना
प्रमंडल
की
स्थिति
सबसे
खराब
है।
पलामू
में
जहां
अब
तक
5.52
प्रतिशत
रोपनी
हुई,
वहीं
संथाल
परगना
में
मात्र
5.66
प्रतिशत
रोपनी
हो
पाई
है।
दुमका
में
0.68
प्रतिशत,
लातेहार
में
2.59
प्रतिशत,
मेदिनीनगर
में
2.50
और
गढ़वा
में
2.41
प्रतिशत
ही
रोपनी
हुई
है।
उत्तरी
छोटानागपुर
और
कोल्हान
प्रमंडल
में
अपेक्षाकृत
अधिक
रोपनी
हुई
है।
कोल्हान
में
कुल
56.68
और
उत्तरी
छोटानागपुर
में
45.07
प्रतिशत
रोपनी
हुई
है।
पलामू
प्रमंडल
के
लिए
विभागीय
कमेटी
बनी,
7
दिन
में
देगी
रिपाेर्ट
कृषि
विभाग
ने
पलामू
प्रमंडल
में
सूखे
की
स्थिति
के
आकलन
के
लिए
एक
विभागीय
कमेटी
बनाई
है।
इसमें
कृषि
निदेशक
झारखंड
काे
अध्यक्ष,
जबकि
निदेशक
भूमि
संरक्षण,
निदेशक
पशुपालन,
संयुक्त
कृषि
निदेशक
पलामू
प्रमंडल,
पलामू,
गढ़वा
और
लातेहार
के
जिला
कृषि
पदाधिकारी
सदस्य
होंगे।
कमेटी
को
पलामू
प्रमंडल
की
तथ्यात्मक
जांच
रिपोर्ट
7
दिन
में
देनी
है।