सीएम भूपेश बघेल बोले- अनुसूचित जातियों और किसानों को किया निराश
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि ये बजट केवल चुनाव को देखते हुए बनाया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस बजट में एक चीज चौंकाने वाली है। इसमें रेलवे के लिए 2 लाख 35 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है।
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारामण ने साल 2023-24 का बजट पेश कर दिया है। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए इस पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि इस बजट में न तो युवाओं के लिए कुछ है, न किसानों की आय को दोगुना करने की बात है, न महिलाओं के लिए कुछ है, न अनुसूचित जनजातियों के लिए और न ही अनुसूचित जातियों के लिए कुछ है। सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए इस निराशाजनक बजट में कुछ भी नहीं है, केंद्र सरकार बहुत ही निर्मम बजट लेकर आयी है। उन्होंने पूछा है कि क्या अब रेलवे को निजी हाथों में बेचने की तैयारी चल रही है।
सीएम भूपेश बघेल ने कहा- चुनावी बजट
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि ये बजट केवल चुनाव को देखते हुए बनाया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस बजट में एक चीज चौंकाने वाली है। इसमें रेलवे के लिए 2 लाख 35 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। क्या ये कर्मचारियों के लिए है, या नई भर्ती के लिए है, या ऐसा तो नहीं है कि जैसे एयरपोर्टों को बेचने से पहले सैकड़ों हजारों करोड़ नवीनीकरण के लिए लगा दिया गया और उसके बाद निजी हाथों में बेचा गया। इसी प्रकार की सोच तो नहीं है केन्द्र सरकार की। पहले चकाचक कर दिया जाए, फिर निजी हाथों में बेचा जा. सीएम भूपेश बघेल ने इसे ''निर्मला जी का निर्मम बजट'' करार दिया है।
बजट को बताया निराशाजनक
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए भी हम लोग उम्मीद कर रहे थे कि अम्बिकापुर से चलने वाली ट्रेन मिलेगी। इसके साथ ही यह भी उम्मीद थी कि जगदलपुर के लिए भी ट्रेन की व्यवस्था होगी। लेकिन, इस बजट में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं हुई। महंगाई और बेरोजगारी को कम करने की कोई व्यवस्था नहीं है। नए लोगों को कैसे रोजगार मिलेगा, इसमें कुछ नहीं है। जितनी भी खाद्य सामग्री है, वो महंगी हो गई है। बजट में श्री अन्न की बात कही गई। कोदो-कुटकी, सांवा तक की बात कही गई। लेकिन, इनकी एमएसपी भारत सरकार ने आज तक घोषित नहीं की है और न ही समर्थन मूल्य पर खरीदने की भी कोई बात किसानों के लिए नहीं कही गई है। इसलिए इस बजट को निराशाजनक कहा जा सकता है।