आंध्र प्रदेश: CM जगन मोहन रेड्डी ने राज्य के विकास के लिए नीति आयोग से मांगा समर्थन का आश्वासन
विजयवाड़ा, दिसंबर 03। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की बुधवार को नीति आयोग के अधिकारियों के साथ एक मीटिंग हुई। इस मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार से आग्रह किया है कि वो राज्य की प्रगति और विकास के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दें। नीति आयोग की टीम के साथ बैठक के दौरान अधिकारियों ने कोरापुट, बलांगीर और बुंदेलखंड जैसे पिछड़े जिलों को दी जाने वाली सहायता के समान विशेष दर्जा, औद्योगिक रियायतें और कर छूट देने के लिए सहायता मांगी। इसके अलावा, उन्होंने नवरत्नालु के तहत लागू की जा रही विभिन्न कल्याणकारी पहलों और राज्य में हो रही विकास गतिविधियों के बारे में बताया।
अधिकारियों ने कहा कि किसानों को सभी कृषि जरूरतों का व्यापक समाधान प्रदान करने के लिए सरकार ने ग्रामीण स्तर पर रायथू भरोसा केंद्र स्थापित किए हैं। साथ ही 3,176.61 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से आठ फिशिंग हार्बर, चार फिश लैंडिंग सेंटर, एक्वा हब, प्रोसेसिंग यूनिट और एकीकृत लैब का काम शुरू करवाया है। इसके अलावा अधिकारियों ने शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में लाए गए सुधारों के बारे में भी बताया। राजीव कुमार ने अम्मा वोडी योजना, स्कूलों के वर्गीकरण और आंगनबाड़ियों के कामकाज की जानकारी मांगी।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने सतत आर्थिक प्रगति के लिए चलाए जा रहे चेयुता, आसरा जैसे रोजगार सृजन कार्यक्रमों के उद्देश्यों के बारे में बताया। राजीव कुमार ने दिशा ऐप लाने के लिए राज्य सरकार की सराहना की। इस अवसर पर बोलते हुए, राजीव कुमार ने कहा कि यह बैठक राज्यों के साथ जुड़ाव के माध्यम से सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने के प्रयासों का एक हिस्सा थी। उन्होंने मुख्यमंत्री को अच्छे कार्यों के लिए बधाई दी और कहा कि जब वे क्षेत्र के दौरे पर थे तो उन्होंने इसे देखा। "आपके द्वारा उठाए गए कुछ उपाय अभिनव और काफी अनोखे हैं, जो देश में पहली बार किए जा रहे हैं, जैसे कि डिजिटल लाइब्रेरी, रायथू भरोसा केंद्र, खरीद का विकेंद्रीकरण, आदि। हम इसे अन्य राज्यों में भी दोहराना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण सभी अनाथों को 10 लाख रुपये जमा करने की राज्य सरकार की पहल आश्चर्यजनक है और वे इसे अन्य राज्य सरकारों को भी बताएंगे।