विपुलम अगले वर्ष से शुरू करेगा लोकभाषा सम्मान
मुख्य अतिथि ग्राम्य विकास राज्यमंत्री अरविन्द सिंह गोप ने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारम्भ किया। इस वर्ष का विपुलम सम्मान डा० उदय प्रताप सिंह (मैनपुरी, उत्तर प्रदेश) को दिया गया। डॉ आर एस दुबे ने डा० उदय प्रताप सिंह को सम्मान के रूप में 21 हजार रुपए, अंगवस्त्र और प्रतीक चिन्ह प्रदान किए। दीपक रंजन ने विपुलम युवा सम्मान से शशिकान्त 'शशिÓ (देवास, म०प्र०) को सम्मानित किया। सम्मानस्वरूप उन्हें 11 हजार रुपए, अंगवस्त्र और प्रतीक चिन्ह भेंट किये गये। इस वर्ष का विपुलम विदुषी सम्मान संज्ञा तिवारी (गाजीपुर, उत्तर प्रदेश) को मिला। ब्रदी प्रसाद तिवारी ने विपुलम विदुषी सम्मान के तहत संज्ञा तिवारी को 11 हजार रुपए, अंगवस्त्र और प्रतीक चिन्ह भेंट किये।
समारोह में विपुलम के अध्यक्ष आत्म प्रकाश मिश्र ने घोषणा की कि अगले वर्ष से विपुलम लोकभाषा सम्मान भी आरम्भ किया जाएगा जिसमे अवधी, भोजपुरी, बृज तथा बुंदेली रचनाकारों को सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर अखिल भारतीय कवि सम्मलेन का आयोजन भी किया गया। कवि सम्मेलन में डा. उदय प्रताप सिंह, शशिकान्त यादव, संज्ञा तिवारी, विकास बौखल, डा. सुरेश अवस्थी, अतुल बाजपेयी, डा. सुरेश, आशीष अनल, मुकुल महान और पंकज प्रसून ने अपनी रचनाओं से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में लक्ष्य समूह के निदेशक आर.एस अस्थाना, फिल्म सेंसर बोर्ड के सदस्य अनिल टेकडी़वाल और प्रसिद्घ शिक्षाविद डा. जगदीश गांधी भी उपस्थित थे। पिछले वर्षों में गोपाल दास नीरज, संतोषानंद, फिल्म अभिनेता असरानी, सुरेन्द्र शर्मा, ओम प्रकाश आदित्य आदि को विपुलम सम्मान से नवाजा जा चुका है। युवा रचनाकारों में सर्वेश अस्थाना, मुकुल महान व डा. प्रवीण श्ुाक्ल युवा सम्मान पा चुके हैं। विदुषी सम्मान से डा. सुमन दुबे तथा भोपाल की डा. अनु सपन विदुषी पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं।