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Evil Eye: बुरी आत्माओं को दूर रखने के लिए करने होंगे ये उपाय

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। आज की पीढ़ी भले ही भूत-प्रेत आदि पर विश्वास न करती हो, लेकिन यदि भगवान है तो शैतान भी है। और अब तो तमाम पश्चिमी देशों के वैज्ञानिक भी यह स्वीकार कर चुके हैं कि भूत प्रेतों का भी अस्तित्व होता है। हिंदू धर्म के 18 पुराणों में एक गरूड़ पुराण भी है, जिसका पाठ किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके परिजन 12 दिन तक करवाते हैं। इस पुराण में बताया गया है कि जिस व्यक्ति का अंतिम संस्कार ठीक से नहीं हो पाता उसकी आत्मा भटकती रहती है।

बुरी शक्तियां साथ लेकर आती हैं

ये आत्माएं वैसे तो किसी को नुकसान नहीं पहुंचाती, लेकिन अपनी मुक्ति के लिए परिजनों के आसपास मौजूद रहती है और उनसे किसी न किसी प्रकार अंतिम संस्कार के समय रह गई त्रुटियों को दूर करने के लिए संकेतों के माध्यम से सूचना भेजती हैं। कई बार कुछ आत्माएं हमारे परिजनों की न होते हुए अन्य होती हैं जो बुरी शक्तियां साथ लेकर आती हैं। इनका उद्देश्य केवल मनुष्यों को परेशान करता होता है ऐसी आत्माओं के हमारे आसपास मौजूद होने से कई तरह की अजीब घटनाएं होती हैं। इनसे बचाव के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं।

चरक संहिता में प्रेत बाधा से पीड़ित रोगी के लक्षण और निदान के अनेक उपाय बताए गए हैं, आइए जानते हैं ....

हनुमान जी का पाठ

हनुमान जी का पाठ

  • प्रेत बाधा के निवारण का सबसे आसान और सर्वमान्य तरीका है हनुमान चालीसा का पाठ। प्रतिदिन जिस घर में हनुमान चालीसा का पाठ होता है वहां किसी भी प्रकार की प्रेत बाधा नहीं रह जाती है।
  • एक दोना लेकर उसमें पान रखें। उसके ऊपर लौंग का जोड़ा, फूल का जोड़ा, इलायची, पान और पेड़े रखकर भूतबाधा से पीड़ित व्यक्ति के नाम राशि के ग्रह का मंत्र 108 बार जप करें। यह काम नहाकर करना है। इसके बाद सात बार मंत्र पढ़ते हुए उस दोने को पीड़ित व्यक्ति के सिर से पांव तक उतारकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से प्रेत बाधा शांत हो जाती है। ध्यान रखें यह टोटका करते समय कोई टोके नहीं।
  •  बुरी नजर से रक्षा

    बुरी नजर से रक्षा

    • दीपावली की रात को सरसों के तेल का बड़ा दिया जलाकर उससे काजल तैयार कर लें। इस काजल को प्रतिदिन लगाने से भूत, प्रेत, पिशाच, डाकिनी आदि से रक्षा होती है। साथ ही यह बुरी नजर से भी बचाता है। यह ध्यान रखें कि काजल को पर्याप्त मात्रा में बना लें ताकि वह पूरे साल आसानी से चलता है।
    • घर में रात का भोजन करने के बाद सोने से पहले चांदी की कटोरी लेकर अपने पूजा स्थान या फिर घर में दूसरी किसी पवित्र जगह पर कपूर और लौंग जला दें। इससे ऊपरी बाधाओं, बुरी नजर से रक्षा होती है।
    • 'ऊं' मंत्र का जाप करें....

      'ऊं' मंत्र का जाप करें....

      • यदि कोई भूत-प्रेत बाधा से पीड़ित है तो उसे 'ऊं" या रूद्राक्ष का अभिमंत्रित लॉकेट गले में पहनकर रखना चाहिए। इसके अलावा वह अपने घर के मुख्य दरवाजे के ऊपर एक त्रिशूल में जड़ा ऊं का प्रतीक चिन्ह लगा दें। घर से बाहर निकले तो मस्तक पर चंदन, केसर या भभूति का तिलक लगाकर ही निकले। हाथ में मौली (कलावा) बांधकर रखें।
      • अशोक के सात पत्ते मंदिर में रख कर नियमित पूजा करें। जब पुराने अशोक के पत्ते सूख जाए तो उनकी जगह नए पत्ते रखें और पुराने पत्ते पीपल के पेड़ के नीचे रख दें। इस क्रिया को इसी तरह नियमित रूप से दोहराते रहें। आपका निवास स्थान भूत-प्रेत बाधा और नजर दोष आदि से मुक्त रहेगा।
      • प्रतिदिन गणेश स्तुति करें....

        प्रतिदिन गणेश स्तुति करें....

        • प्रतिदिन गणेश स्तुति करें। पूजन में गणेश भगवान को एक सुपारी रोज चढ़ाएं और एक कटोरी चावल किसी गरीब को दान करें। यह क्रिया एक वर्ष तक नियमित रूप से करें। ध्यान रहे यह क्रम टूटना नहीं चाहिए। इससे आपको नजर दोष और भूत-प्रेत बाधा आदि के कारण बाधित सभी कार्य पूरे होंगे।
        • मां काली के लिए उनके नाम से प्रतिदिन पवित्र की हुई दो अगरबत्ती सुबह और दो दिन ढलने से पूर्व लगाएं। उपासना करते समय उनसे घर और शरीर की रक्षा करने की प्रार्थना करें। इससे आप बड़े से बड़े संकट पर आसानी से विजय पा सकते हैं।
        •  मंगलवार या शनिवार बजरंग बाण का पाठ करें

          मंगलवार या शनिवार बजरंग बाण का पाठ करें

          • प्रेत बाधा दूर करने के लिए या कहें इनसे छुटकारा दिलाने के लिए पुष्य नक्षत्र में चिड़चिड़े अथवा धतूरे का पौधा जंगल से जड़ सहित उखाड़कर ले आएं। अब उसे अपने घर के आंगन में या बाहरी दरवाजे पर इस तरह दबाएं कि जड़ वाला भाग जमीन से ऊपर रहे और पूरा पौधा मिट्टी के अंदर रहे। ऐसा करने से प्रेतबाधा घर में प्रवेश नहीं करती और व्यक्ति को सुख- शांति का अहसास होता है।
          • किसी भी सप्ताह आप मंगलवार या शनिवार बजरंग बाण का पाठ शुरू कर दें। इसके बाद इसे सुबह की पूजा में प्रतिदिन करना है। यह डर और भय भगाने का आसान उपाय है।

यह भी पढ़ें: क्या सच में लगती है नजर, कहीं आप भी तो नहीं हुए ना शिकार?यह भी पढ़ें: क्या सच में लगती है नजर, कहीं आप भी तो नहीं हुए ना शिकार?

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English summary
A careful look into the world brings us to the conclusion that with the good and benevolent there coexist the evil and the malevolent.here is Symptoms And Remedies To Get Rid of Evil Eye.
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