Navratri 2020: जानिए कब है महाअष्टमी और महानवमी?
नई दिल्ली। शारदीय नवरात्रि का आज चौथा दिन है और आज मां कुष्मांडा की पूजा विधि विधान से की जा रही है, तो वहीं लोगों को अष्टमी और नवमी को लेकर थोड़ा संदेह हो गया तो यहां हम आपकी परेशानी को दूर कर देते हैं, 17 अक्टूबर को शुरू हुए नवरात्रि के पर्व में इस बार अष्टमी 23 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 57 मिनट लग जाएगी तो महानवमी 24 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 58 से प्रारंभ होकर अगले दिन 25 अक्टूबर को सुबह 7 बजकर 41 मिनट तक रहेगी।
नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी की पूजा की जाती है,महागौरी मां दुर्गा का आठंवा रूप हैं। महागौरी की चार भुजाएं हैं। इनका वाहन वृषभ है। इनके ऊपर के दाहिने हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले दाहिने हाथ में त्रिशूल है। मां का ये रूप बहुत ही सरस और मोहक है। महागौरी की पूजा बहुत मानक है। मां गौरी के बारे में कहा जाता है कि अष्टमी के दिन अगर दिल से मां को पुकारा जाता है तो तुरंत अपने भक्त की पीड़ा दूर करती हैं।
मां सिद्धिदात्री की पूजा
तो वहीं महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है, जिनकी चार भुजाएं हैं। इनका आसन कमल और वाहन सिंह है। दाहिने और नीचे वाले हाथ में चक्र, ऊपर वाले हाथ में गदा, बाई ओर से नीचे वाले हाथ में शंख और ऊपर वाले हाथ में कमल पुष्प है। भगवती के इस स्वरूप की ही नवरात्र के अंतिम दिन आराधना करते हैं। मां दुर्गा के इस रूप को शतावरी और नारायणी भी कहा जाता है।
नवरात्रि के नौ दिन, नौ भोग
- प्रतिपदा- घी- आरोग्य की प्राप्ति के लिए
- द्वितीया- शक्कर या मिश्री- दीर्घायु के लिए
- तृतीया- गाय का दूध- समस्त दुख दूर करने के लिए
- चतुर्थी- मालपुआ- आत्मबल के लिए
- पंचमी- केले- ज्ञान की प्राप्ति के लिए
- षष्ठी- शहद- सौंदर्य वृद्धि के लिए
- सप्तमी- गुड़- बाधा से रक्षा के लिए
- अष्टमी- श्रीफल- पीड़ा को शांत करने के लिए
- नवमी- काले तिल- मोक्ष की प्राप्ति के लिए