महाशिवरात्रि पर बेलपत्र के ये प्रयोग देंगे अटूट लक्ष्मी का वरदान
नई दिल्ली। भगवान शिव को अर्पित की जाने वाली वस्तुओं में बेलपत्र को सबसे प्रमुख माना गया है। बेलपत्र के बिना शिव पूजा अधूरी मानी जाती है। शिव महापुराण का कथन है कि 'दर्शनम बिल्व पत्रस्य, स्पर्शनमं पाप नाशनम्। अर्थात् बेलपत्र का दर्शन कर लेने मात्र से पापों का शमन हो जाता है। जिस प्रकार भगवान विष्णु को नैवेद्य अर्पित करते समय भोग में तुलसी पत्र डालना अनिवार्य है उसी प्रकार शिव को भोग लगाते समय बेलपत्र अवश्य डालना चाहिए। शिवजी को तुलसी नहीं चढ़ाई जाती है। धर्म शास्त्रों का कथन है कि शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करने से शिवजी प्रसन्न् होकर मनचाहा वरदान प्रदान करते हैं। बेल के पेड़ की पत्तियों को बेल पत्र कहा जाता है। बेल पत्र में तीन पत्तियां आपस में तीन नेत्रों के समान जुड़ी रहती हैं, जिन्हें संयुक्त रूप से एक ही पत्ती माना जाता है। बेलपत्र में यदि तीन पत्तियां हैं तो ही शिवजी को अर्पित किया जाता है। बेलपत्र का जितना आध्यात्मिक महत्व है, उतना ही इसका औषधीय महत्व भी है। शिवजी को बेलपत्र करके अपने जीवन की कई समस्याओं का निदान किया जा सकता है।
बेलपत्र अर्पित करने में सावधानी
- बेलपत्र में तीन पत्तियां होना अनिवार्य है।
- पत्तियां कटी या टूटी हुई न हों और उनमें कोई छेद भी नहीं होना चाहिए।
- बेलपत्र शिवजी को अर्पित करते समय उसका आगे का भाग शिवजी को स्पर्श होना चाहिए। अर्थात बेलपत्र सीधे तरफ से अर्पित किया जाता है।
- बेलपत्र कभी बासी और अशुद्ध नहीं होता। एक ही बेलपत्र को जल से धोकर कई बार चढ़ाया जा सकता है।
- बिना जल के बेलपत्र अर्पित नहीं करना चाहिए। बेलपत्र के साथ जल भी अर्पित करें।
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बेलपत्र के प्रयोग और लाभ
- यदि किसी युवक-युवती के विवाह में बाधा आ रही है। कई प्रयासों के बाद भी विवाह नहीं हो पा रहा है तो महाशिवरात्रि के दिन यह प्रयोग करें। इसके अनुसार 108 बेलपत्र पर चंदन से श्रीराम लिखें और ॐ नम: शिवाय मंत्र का जाप करते हुए एक-एक बेलपत्र शिवलिंग पर अर्पित करते जाएं। सारे बेलपत्र अर्पित कर देने के बाद शिवजी से शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें। यह प्रयोग महाशिवरात्रि पर शीघ्र फलता है। इसे किसी भी सोमवार को किया जा सकता है।
- शिव पूजा रोगों से मुक्ति और आयु प्रदान करने वाली होती है। यदि आप या आपके परिवार में कोई सदस्य लंबे समय से बीमार चल रहा है तो महाशिवरात्रि पर यह प्रयोग करें। 108 बेलपत्र लें और एक पात्र में चंदन का इत्र लें। एक-एक बेलपत्र को चंदन में डुबाते हुए शिवलिंग पर अर्पित करें। साथ में महामृत्युंजय मंत्र भी बोलते जाएं। शीघ्र स्वास्थ्य लाभ होगा।
- अटूट लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए महाशिवरात्रि के दिन 108 बेलपत्र लें। साथ में एक पात्र में गन्न्े का रस भरकर रखें। ॐ नमो भगवते महादेवाय मंत्र का जाप करते हुए एक-एक बेलपत्र को गन्न्े के रस में डुबोते हुए शिवलिंग पर अर्पित करते जाएं। धन के भंडार भरने लगेंगे।
- संतान की प्राप्ति के लिए यह प्रयोग कच्चे दूध के साथ करें।
बेलपत्र की खास बातें
- जिस जगह बेलपत्र का पेड़ होता है, वहां उसके आसपास सांप नहीं आते। शिव के गले में सांप रहता है और बेलपत्र के माध्यम से वे सांपों को बांधकर रखने का संदेश देते हैं।
- बेलपत्र के पेड़ की छाया से होकर कोई शवयात्रा गुजरे तो मृतक का मोक्ष हो जाता है।
- बेलपत्र का पेड़ वातावरण की दूषित वायु को शुद्ध करता है।
- पांच, छह या सात पत्तों का बेलपत्र दुर्लभ और चमत्कारी होता है।
- बेलपत्र का पेड़ कभी काटना नहीं चाहिए। इससे वंशनाश होता है।
- बेलपत्र के पेड़ की नित्य सेवा करने से समस्त सुखों की प्राप्ति होती है।
- बेलपत्र के पेड़ में नियमित रूप से जल अर्पित करने से पितरों की शांति होती है।
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