जानिए भगवान राम के अस्तित्व से जुड़ी खास बातें
नई दिल्ली। भगवान राम के जन्म को लेकर अलग-अलग पुराणों में अलग-अलग बातें लिखी हुईं हैं लेकिन हमारे देश भारत में चैत्र मास की नवमी को भगवान राम का जन्मदिन मनाया जाता है, जिसे कि हम रामनवमी कहते हैं।
भगवान राम का जन्म अयोध्या में नहीं पाकिस्तान में हुआ था?
लेकिन अक्सर धार्मिक लोगों और शोधकर्ताओं के बीच में रामनवमी या भगवान राम को लेकर बहस छिड़ जाती है, हर किसी के अपने-अपने तर्क हैं।
राम बुरे थे और हमेशा रहेंगे: जेठमलानी
आईये जानते हैं इन तर्कों पर छिड़ी कुछ खास बातों को नीचे की स्लाइडों में...
300 से ज्यादा तथ्य
भगवान राम के अस्तित्व को लेकर फादर कामिल बुल्के ने करीब 300 से ज्यादा तथ्यों को लोगों के सामने पेश किया जिससे पता चलता है कि राम थे और यहीं थे।
राम थे यहीं थें..
जबकि भारत ज्ञान चेन्नई ने कहा था कि राम एक ऐतिहासिक व्यक्ति थे और इसके पर्याप्त प्रमाण हैं।
राम का जन्म 10 जनवरी को
तो इसी साल ललित कला अकादमी में आयोजित एक प्रदर्शनी में शोधकर्ताओं ने कहा था कि 5114 ईसा पूर्व 10 जनवरी को दिन के 12.05 बजे भगवान राम का जन्म हुआ था।
पंडितों ने शोध को नहीं माना
जिसके बाद रामनवमी को लेकर बहस छिड़ गई थी और पंडितों ने इस शोध को मानने से इंकार कर दिया था।
भगवान विष्णु ने त्रेता युग में राम का अवतार लिया
रामनवमी, भगवान राम के जन्म दिवस के रूप में सम्पूर्ण भारतवर्ष में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि असुरों के राजा रावण का संहार करने के लिए भगवान विष्णु ने त्रेता युग में राम के रूप में विष्णु का सातवां अवतार लिया था।
बाल्मीकि रामायण
बाल्मीकि रामायण के मुताबिक, राम का जन्म चैत्र मास की नवमी को पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में अयोध्या के राजा दशरथ की पहली पत्नी कौशल्या के गर्भ से हुआ था। तब से यह दिन समस्त भारत में रामनवमी के रूप में मनाया जाता है।