क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

गणेश चतुर्थी पर बन रहे महायोग, जानिए पूजन के मुहूर्त

By Ajay Mohan
Google Oneindia News

पं. सोमेश्वर जोशी

ज्योतिष
लेखक परिचय- ज्योतिर्विद कर्मकांडी पं. सोमेश्वर जोशी इंदौर, मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं। पं. सोमेश्वर जोशी मूल रूप से मालवा के निवासी हैं। संपर्क- someshjoshimcagmail.com

इस साल 17 सितम्बर गुरुवार भाद्रपद शुक्लपक्ष चतुर्थी को गणेश चतुर्थी पूरे देश में मनाई जाएगी। ऐसे चार योग हैं जो कई वर्षों बाद बने हैं। इस साल गणेश चतुर्थी बेहद महत्वपूर्ण है और आपके घर में सुख एवं समृद्धि लेकर आने वाली है।

चतुर्थी पर महायोग

  • कन्या की संक्रांति में 19 वर्षों बाद गणेश चतुर्थी मनेगी।
  • 12 वर्षों के बाद गणेश चतुर्थी बृहस्पति, सूर्य सिंह संक्रांति में आयी है, जो अगले 12 साल बाद 4 सितम्बर 2027 को आएगी।
  • रवि योग जो सूर्योदय से रात्रि 1:32 बजे तक रहेगा, ऐन्द्र योग जो सूर्योदय पूर्व से सायः 6:23 बजे तक रहेगा।
  • सिंह में बृहस्पति का योग।

विद्या और बुद्ध‍ि के देव गणेश जी की चतुर्थी ऐसे दुर्लभ योग कई वर्षों बाद आते हैं जिसमें विद्या, साधना के करने से उत्तम सिद्दी प्रदान करेगा।

पढ़ें- भगवान गणेश के 108 नाम एवं उनके अर्थ

गणेश चतुर्थी सूर्योदय पूर्व से रात्रि 10:20 मिनिट तक रहेगी तथा स्वाति नक्षत्र सूर्योदय से रात्रि 1:32 तक रहेगी। इसी दिन सूर्य दोपहर 12:29 पर कन्या राशि में संकान्ति करेंगे। सूर्य और बुध मिल के बुध आदित्य योग बनायेंगे। यह योग श्रेष्ठ फलदायी रहेगा, जिससे व्यापारियों को बाजार में वृद्धि होगी। मंगल कार्यों का आरम्भ होगा।

गणेश चतुर्थी पर भद्रा का साया

भद्रा प्रातः 9:10 बजे से रात्रि 10:20 तक रहेगी। गणेश चतुर्दशी को भी भद्रा रहेगी जो दोपहर 12:07 से रात्रि 10:14 मिनट तक रहेगी। हो सके तो भद्रा के समय को छोड़कर पूजन कार्य करें व अधिक आवश्यकता हो तो भद्रा का मुख पूछ छोड़कर शुभ मुहूर्त में कार्य संपन्न किये जा सकते हैं। 18 सितम्बर को ऋषि पंचमी को सर्वार्थ सिद्दी योग भी रहेगा।

गणेश प्रतिमा बनाने का शस्त्रीय विधान:

मंगलमूर्ति की मूर्ति शास्त्रीय विधिविधान से बनायीं जानी चाहिए। जिसमें मिटटी शुद्ध एवं पवित्र स्थान से ली गई हो मिटटी में गोबर, गंगाजल, तीर्थों का जल, तीर्थों की मिटटी, पंचगव्य, पंचामृत, दूर्वा के आलावा 56 प्रकार की औषधियों भी मिलायी जानी चाहिए। मिटटी गूथने से लेकर,गणेश आकर देने तक वैदिक मंत्रो का उच्चारण करना चाहिए मंगल मूर्ति को रंग देने के लिए सिंदूर, काजल, अबीर, गुलाल, हल्दी, भस्म का प्रयोग करें।

किसी केमिकल या कलर का उपयोग वर्जित है गणेश प्रतिमा की स्थापना, प्राण प्रतिष्ठा विद्वान वैदिक ब्राह्मण पंडित से करवानी चाहिए सुबह शाम षोडशोपचार पूजन कर आरती करना चाहिए।

इन बातों का रखें ध्यान:

गणेश जी का रंग श्वेत है इस लिए इसी सिंदूरी या श्वेत रंग की प्रतिमा बनायें। दक्षिणावर्त सूंड वाले गणेश होने चाहिये। गणेश जी को तुलसी न चढ़ायें। इष्ट, साधना, प्रयोग अनुष्ठान के अनुसार गणेश प्रतिमा बनायें।

मनोकामना पूर्ति के लिए 21 विशेष नाम मंत्रो के साथ मोदक चढ़ाने से हज़ार गणपति नामार्चन का फल मिलता है। मुहूर्त जानने के लिये नीचे स्लाइडर में चेक करें।

अभीष्ट प्राप्ति के लिए

अभीष्ट प्राप्ति के लिए

गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें

बुद्दि प्राप्ति के लिए

बुद्दि प्राप्ति के लिए

21 बार गणपति नाम से अर्चन करें

रोग मुक्ति के लिए

रोग मुक्ति के लिए

गायत्री गणपति के विशेष अनुष्ठान करे या करवायें

व्यापर वृद्धि के लिए

व्यापर वृद्धि के लिए

लक्ष्मी गणपति यंत्र की स्थापना व् पूजन करें

लक्ष्मी प्राप्ति के लिए

लक्ष्मी प्राप्ति के लिए

सलक्षमी गणपति पूजन करें, बिल्वपत्र चढ़ायें।

शीग्र विवाह हेतु

शीग्र विवाह हेतु

ऋद्धि-सिद्दी सहित गणेश पूजन करें

संतान प्राप्ति हेतु

संतान प्राप्ति हेतु

बालगणपति का पूजन करें

शत्रु निवारण के लिए

शत्रु निवारण के लिए

ऋणमोचन गणपति के 21 बार पाठ करें

नवग्रह पीड़ा निवारण हेतु

नवग्रह पीड़ा निवारण हेतु

नवरत्न गणपति अर्चन पूजन करें

गणपति स्थापना, पूजन मुहूर्त:

गणपति स्थापना, पूजन मुहूर्त:

शुभ मुहूर्त: सुबह 06:17 - 7:48 बजे तक, शाम 4:54 - 6:24 बजे तक।
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर: 11:56 - 12:45 बजे तक
लाभ मुहूर्त: दोपहर: 12:21 - 1:52 बजे तक।
चर मुहूर्त सुबह 10:50 - 12:21 बजे, शाम 7:54 - 9:23 बजे तक।
अमृत मुहूर्त: शाम 06:24 से 7:54 बजे तक।

राहु काल एवं भद्रा

राहु काल एवं भद्रा

वर्जित राहु काल दोपहर 01:52 बजे से 3:23 बजे तक।
विशेष: प्रातः 09:10 से भद्रा होने के कारण प्रातः शुभ, अभिजीत अथवा सूर्यास्त के बाद शुभ मुहूर्त में गणेश स्थापना श्रेष्ठ फलदायी रहेगी।

Comments
English summary
People in all over India celebrating the Ganesha Chaturthi. Here is the Poojan Muhurt or auspicious timings of poojan.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X