आखिर धनतेरस पर क्यों होती है धनवंतरि की पूजा?
भारत में धनतेरस बड़ी दीवाली से दो दिन पहले बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है। कई लोग अपनी धनतेरस को शुभ करने के लिए अच्छी-अच्छी वस्तुएं खरीदते हैं
बेंगलुरू। दिवाली पांच दिनों का त्योहार है, जिसकी शुरूआत 'धनतेरस' से होती है। इस बार ये त्योहार 28 अक्टूबर को पड़ रहा है। इस दिन लोग घरों के लिए बर्तन और सोना-चांदी खरीदते हैं।
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सुख, धन और समृद्धि का त्योहार
'धनतेरस' सुख, धन और समृद्धि का त्योहार माना जाता है। इस दिन 'धनवंतरि' की पूजा की जाती है। 'धनवंतरि' चिकित्सा के देवता भी हैं इसलिए उनसे अच्छे स्वास्थ्य की भी कामना की जाती है।
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क्या है कहानी
पुराणों के मुताबिक जब देवताओं और राक्षसों के बीच समुद्र मंथन हुआ तब समुद्र से चौदह रत्न निकले थे। जिनमें एक रत्न अमृत था। भगवान विष्णु देवताओं को अमर करने के लिए 'धनवंतरि' के रूप में प्रकट होकर कलश में अमृत लेकर समुद्र से निकले थे। इसलिए 'धनवंतरि' की पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
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क्या करें धनतेरस के दिन
धनतेरस के दिन लोग घरेलू बर्तन खरीदते हैं, वैसे इस दिन चांदी खरीदना शुभ माना जाता है क्योंकि चांदी चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है और चन्द्रमा शीतलता का मानक है, इसलिए चांदी खरीदने से मन में संतोष रूपी धन का वास होता है क्योंकि जिसके पास संतोष है वो ही सही मायने में स्वस्थ, सुखी और धनवान है।
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