Basant Panchami 2021: कौन हैं ज्ञान, शक्ति और कला की देवी मां सरस्वती?
Basant Panchami 2021: who is Maa Saraswati: बसंत पंचमी 16 फरवरी को है। इस दिन मां सरस्वती की वंदना की जाती है। लोग अपने घरों में माता की प्रतिमा की पूजा-अर्चना करते हैं। कहा जाता है कि ब्रह्मा जी ने जब मानव की रचना की थी तो उसके बाद भी उन्हें अपनी रचनाओं में कुछ कमी अखर रही थी। तभी विष्णु जी उन्हें सलाह दी की वो अपने कमण्डल से जल छिड़कें, जिसके बाद ब्रह्मा जी ने ठीक वैसा ही किया और जलकण बिखरते ही उसमें कंपन होने लगा और एक अद्भुत शक्ति प्रकट हुईं, शक्ति का रूप काफी मोहक और सुंदर था, उनके एक हाथ में वीणा और दूसरे में पुस्तक थी।
मां सरस्वती बुद्दि, ज्ञान, शक्ति, कला और संगीत की देवी
ब्रह्मा ने देवी से वीणा बजाने का अनुरोध किया, जैसे ही देवी ने वीणा बजाना शुरू किया, पूरे संसार में एक मधुर ध्वनि फैल गई, संसार के सभी जीव-जन्तुओं को वाणी प्राप्त हो गई और तब ही ब्रह्मा जी उन्हें वाणी की देवी सरस्वती नाम दिया। मां सरस्वती बुद्दि, ज्ञान, शक्ति, कला और संगीत की देवी हैं, बिना इनके आशीष के कोई भी इंसान प्रगति-पथ पर आगे नहीं बढ़ सकता। इसलिए बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विधि विधान से पूजा की जाती है और उनसे विद्या और बुद्धि का वरदान मांगा जाता है।
कैसे करें सरस्वती पूजा
प्रात:काल स्नानादि से निवृत होकर साफ-स्वच्छ वस्त्र पहनकर पूजा स्थान में बैठें। एक चौकी पर श्वेत वस्त्र बिछाकर देवी सरस्वती का चित्र या मूर्ति स्थापित कर पूजन संपन्न करें। देवी को सफेद और नीले पुष्प अर्पित करें। खीर का भोग लगाएं। इसके बाद सभी को सरस्वती वंदना करनी चाहिए क्योंकि इससे इंसान के जीवन में ज्ञान का प्रकाश आता है।
इन मंत्रों का करें जाप
- ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।।
- कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।
- वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।।
- रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्।
- सुपूजितां सुरगणैब्रह्मविष्णुशिवादिभि:।।वन्दे भक्तया वन्दिता च मुनीन्द्रमनुमानवै:।
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