अब बढ़ेगी हरियाणा की मंडियों में गेहूं की आवक, फसल की रकम सीधे किसानों के खाते में पहुंचेगी
चंडीगढ़। हरियाणा की मंडियों में बीते 1 अप्रेल से गेहूं की खरीद हो रही है। अभी तक राज्य की करीब 400 मंडियों में गेहूं की खरीद शुरू हुई थी, लेकिन अब प्रदेश सरकार को उम्मीद है कि 10 अप्रैल से गेहूं की आवक में तेजी आएगी। दरअसल, अभी किसान अपनी फसल काटकर उसे तैयार कर रहे हैं, जबकि नमी की मात्रा को खत्म कर मंडियों में ला रहे हैं। सरकार ने वादा किया है कि, इस बार फसल खरीद के बाद किसानों को शत-प्रतिशत भुगतान उनके खातों में किया जाएगा।
इस बार सरकार ने ई-खरीद पोर्टल पर ऐसा बदलाव भी किया है कि, अब किसान खुद गेहूं लाने का दिन तय कर सकेंगे। किसानों को ई-खरीद पोर्टल पर जाकर अपनी इच्छानुसार अपनी नजदीकी मंडी में गेहूं ले जाने का दिन तय करना है। उनकी सुविधा के लिए सरकार की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। यानी अब किसान के हाथ में है कि वह दिन अब खुद निश्चित कर सकता है कि कब उसको अनाज मंडी में गेहूं की फसल को मंडी ले जाना है।
दरअसल, सरकार भी समझती है कि, किसान इस समय अपने खेतों में गेहूं की कटाई में लगा हुआ है। इस कारण किसान बार-बार फोन में मैसेज नहीं देख सकता और पोर्टल के अनुसार, अपनी फसल को मंडी में भी नहीं ला सकता। एक अधिकारी ने कहा कि, यही देखते हुए सरकार ने नियम बदला है। और अब सब कुछ किसान के हाथ में है कि वो अपनी मर्जी से अपनी सुविधा अनुसार मंडी में गेहूं ला सकता है।
हरियाणा
में
गेहूं
उत्पादन
एवं
खरीद
सरकारी
खरीद
-
1
अप्रैल
से
शुरू
आठ
अप्रैल
तक
खरीद
-
1
लाख
42
हजार
मीट्रिक
टन
राज्य
में
मंडियां
-
400
गेहूं
का
कुल
उत्पादन
संभावित
-
125
लाख
मीट्रिक
टन
मंडियों
में
आने
की
संभावना
-
85
लाख
मीट्रिक
टन
बीज
के
लिए
किसान
अपने
पास
रखेंगे
-
15
लाख
मीट्रिक
टन
किसानों
के
खुद
के
खाने
और
ओपन
मार्केट
में
बिक्री
के
लिए
गेहूं
-
25
लाख
मीट्रिक
टन
खरीद
प्रक्रिया
कब
तक
चलेगी
-
15
मई
तक
संभावित
सेंट्रल
पूल
में
हरियाणा
की
हिस्सेदारी
-
70
लाख
मीट्रिक
टन
विश्व
का
भारत
में
गेहूं
उत्पादन
का
हिस्सा
-
13%
भारत
में
गेहूं
उत्पादन
को
लेकर
उत्तर
प्रदेश
का
हिस्सा
-
33%
पंजाब
का
हिस्सा
-
23%
मध्य
प्रदेश
का
हिस्सा
-
11%
हरियाणा
का
हिस्सा
-
9%
गेहूं
उत्पादन
में
उत्तर
प्रदेश
व
पंजाब
के
बाद
हरियाणा
-
3
नंबर
पर
पेमेंट
-
इस
बार
सीधे
किसानों
के
खाते
में
जाएगी
पिछले
साल
की
रुकी
पेमेंट
-
9%
ब्याज
के
साथ
इस
बार
भी
किसानों
को
पेमेंट
देर
से
मिली
तो
-
9%
ब्याज
दिया
जाएगा
पेमेंट
की
अवधि
-
जे
फार्म
कटने
के
48
घंटे
के
भीतर
सीधे
किसान
के
खाते
में
जाएगा
पैसा
गेहूं
की
अधिक
पैदावार
वाले
जिले
-
उत्तर
हरियाणा
के
करनाल,
कुरुक्षेत्र,
अंबाला,
यमुनानगर,
सोनीपत,
रोहतक,
सिरसा
और
फरीदाबाद
आढ़तियों
ने
सीधे
पेमेंट
किसान
को
देने
का
विरोध
किया
तो
-
राज्य
सरकार
अस्थाई
लाइसेंस
देगी
तीन
कृषि
कानूनों
की
स्थित
-
अभी
सुप्रीम
कोर्ट
ने
रोक
लगा
रखी
है।
इसलिए
इन
पर
अमल
नहीं
दूसरे
राज्यों
से
आने
वाले
गेहूं
की
स्थिति
-
मंडियों
में
तभी
बिकेगा,
जब
मेरी
फसल-मेरा
ब्योरा
पोर्टल
पर
रजिस्ट्रेशन
होगा
आढ़ती
को
आढ़त
कितनी
मिलेगी
-
40
रुपये
प्रति
क्विंटल
इस
बार
आढ़त
कौन
देगा
-
पहले
किसान
से
कटती
थी,
लेकिन
अब
राज्य
सरकार
अपने
खजाने
से
आढ़त
देगी
गेहूं
उठान
की
व्यवस्था
-
आटोमेटिक
मशीनें
लगाई
गई
हैं,
जो
सीधे
ट्रक
या
ट्राली
में
बोरियां
लोड
करेंगी
और
गोदाम
तक
पहुंचाएंगी
गेहूं
के
भंडारण
की
व्यवस्था
-
सरकार
के
पास
65
लाख
मीट्रिक
टन
भंडारण
के
इंतजाम
बाकी
का
भंडारण
कैसे
होगा
-
प्लीथ
लगाकर
और
तिरपाल
ढ़ककर।
हरियाणा में फसलों की खरीद, गेंहू-जौ समेत ये फसलें MSP पर खरीदी जाएंगी