गुजरात में 9 सालों के भीतर 15% की दर से बढ़ी पर्यटकों की संख्या, यह औसत भारत आने वालों से ज्यादा
अहमदाबाद। गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, वाइल्डलाइफ सफारी जैसे ढेरों टूरिज्म स्पॉट्स के कारण पर्यटकों की संख्या बढ़ती चली जा रही है। यहां विभिन्न पर्यटन के आकर्षणों के कारण पिछले कई वर्षों के दौरान पर्यटकों की संख्या में जबर्दस्त इजाफा हुआ। बीते 9 वर्षों में 2009 से 2018 के दौरान पर्यटकों की संख्या 15 फीसदी की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर सीएजीआर से बढ़ी है। यह औसत भारत आने वाले कुल पर्यटकों की 12 फीसदी की वृद्धि दर से भी ज्यादा है। यह राज्य देश में पर्यटकों को आकर्षित करने के मामले में शीर्ष 10 पर्यटन-प्रदेशों में शामिल है। यह जानकारी मुख्यमंत्री विजय रूपाणी द्वारा राज्य की नई पर्यटन नीति घोषित करते वक्त दी गई।
विजय रूपाणी ने वैश्विक विकास के रोल मॉडल बने गुजरात को 'पर्यटन के लिए वैश्विक पसंद' के तौर पर विश्व पर्यटन मानचित्र में स्थापित करने के मकसद से राज्य की नई पर्यटन नीति-2021 घोषित की। इस दौरान वह बोले कि, गुजरात की प्राकृतिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक समृद्धि को ध्यान में रखते हुए इस नीति के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के पर्यटनों पर फोकस किया जाएगा, जिसमें कारवां टूरिज्म, मेडिकल टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म, एमआईसीई टूरिज्म, एडवेंटर एंड वाइल्ड लाइफ टूरिज्म, कोस्टल एंड क्रूज टूरिज्म, धार्मिक एवं आध्यात्मिक टूरिज्म तथा ग्रामीण आधारित अनुभव पर्यटन आदि शामिल हैं।
सरकार ने की नई पर्यटन नीति 2021 की घोषणा, हवाई अड्डों पर होंगे गुजरात पर्यटन डेस्क
मुख्यमंत्री रूपाणी ने कहा कि भारत के पश्चिमी तट पर स्थित गुजरात विविधताओं से भरे पर्यटन आकर्षणों के साथ दुनियाभर के पर्यटकों को अनूठे अनुभवों की अपार संभावनाएं प्रदान करता है। गुजरात में वन्य जीवों के अभयारण्य, हिल रिसोर्ट्स, प्राकृतिक आकर्षण और वैश्विक मान्यता प्राप्त धरोहर स्थल मौजूद हैं।