केंद्र सरकार के सहयोग से बिहार में सब्सिडी पर लगाए जाएंगे 30 हजार सोलर पंप
पटना । राज्य की सिंचाई व्यवस्था बेहतर करने के लिए केंद्र के सहयोग से सरकारी सब्सिडी देकर कई चरणों में 30 हजार सोलर पंप लगाने की योजना तैयार की जा रही है। इस पर सरकार की मंजूरी मिलने से राज्य सरकार को कम- से- कम 25 साल तक डीजल सब्सिडी सहित सिंचाई के लिए बिजली पर सब्सिडी देने से राहत मिल सकेगी।
साथ ही कृषि फीडर सहित कृषि कनेक्शन के खर्च से राहत मिलेगी और पर्यावरण को लाभ होगा। इस तरह की योजना को महाराष्ट्र, गुजरात, झारखंड व छत्तीसगढ़ सहित कई राज्य बड़े पैमाने पर शुरू कर चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार की पीएम कुसुम योजना के तहत राज्य में 30 हजार सोलर पंप लगाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस योजना के तहत फिलहाल केंद्र सरकार 30 फीसदी सब्सिडी देती है।
2018-19
में
50
फीसदी
थी
सब्सिडी
विभागीय
सूत्रों
का
कहना
है
कि
राज्य
में
2018-19
में
दो
और
तीन
एचपी
का
सोलर
पंप
लगाने
के
लिए
राज्य
सरकार
ने
50
फीसदी
सब्सिडी
देने
की
घोषणा
की
थी।
वहीं,
केंद्र
से
25
फीसदी
सब्सिडी
मिलती
थी।
ऐसे
में
किसानों
को
केवल
25
फीसदी
खर्च
वहन
करना
पड़ता
था।
यह
योजना
देर
से
शुरू
होकर
2019-20
तक
चली।
इस
दौरान
आवेदकों
की
अच्छी
संख्या
थी,
लेकिन
सभी
प्रक्रियाओं
को
पूरा
करने
के
बाद
करीब
930
लोगों
के
यहां
सोलर
पंप
लगे।
कोरोना
संक्रमण
की
वजह
से
2020-21
में
इस
तरह
की
कोई
योजना
राज्य
में
नहीं
चली।
अब
नयी
योजना
का
इंतजार
है।
जागरूकता
जरूरी
इस
संबंध
में
विशेषज्ञों
का
कहना
है
कि
सोलर
पंप
को
लेकर
लोगों
के
मन
में
कई
तरह
की
भ्रांतियां
हैं,
जिन्हें
दूर
करने
और
सही
तथ्यों
से
अवगत
करवा
कर
जागरूक
करने
की
जरूरत
है।
राज्य
में
केवल
कुछ
ही
दिन
सूर्य
नहीं
निकलते
हैं,
लेकिन
जितने
दिन
भी
सूर्य
निकलते
हैं
और
उनकी
किरणें
सोलर
प्लेट
पर
पड़ती
हैं।
पटवन
के
लिए
पंप
चलाने
के
लिए
उतना
ही
पर्याप्त
है।
इसके
साथ
ही
सोलर
प्लेट
की
आयु
करीब
25
साल
होती
है।
ऐसे
में
सही
तरीके
से
इनका
इस्तेमाल
करने
पर
बेहतर
लाभ
लिया
जा
सकता
है।
सरकार
को
बचत
विशेषज्ञों
का
कहना
है
कि
किसी
भी
किसान
को
कृषि
कनेक्शन
देने
के
लिए
बिजली
के
खंभे
लगाने,
तार
ले
जाने,
उसका
मेंटेनेंस
सहित
सरकार
को
सब्सिडी
पर
भी
खर्च
करना
पड़ता
है।
ऐसे
में
यदि
सोलर
पंप
को
बढ़ावा
दिया
गया
तो
सरकार
को
आर्थिक
राहत
मिलेगी,
किसानों
को
फायदा
होगा,
साथ
ही
अक्षय
ऊर्जा
का
विस्तार
होने
से
पर्यावरण
को
लाभ
होगा।