हरियाणा: CM के ऐलान- 8 हजार मल्टीडिसप्लनेरी टीमें गठित होंगी, ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष स्क्रीनिंग कैंप लगें
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज स्वास्थ्य और पंचायत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। जिसमें मुख्यमंत्री ने 8000 मल्टीडिसप्लनेरी टीमों का गठन करने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष स्क्रीनिंग कैंप लगाने के निर्देश दिए। वैश्विक कोरोना महामारी के शहरों के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रहे प्रसार को रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने गांवों में 'टेस्ट, ट्रैक एंड ट्रीट' रणनीति को अपनाते हुए 8000 मल्टीडिसप्लनेरी टीमों के गठन का निर्णय लिया। बताया गया कि, ये टीमें गांवों में कोविड-19 जांच के लिए डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग करेंगी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए प्रत्येक घर को कवर करते हुए डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग कैंप आयोजित करने, स्क्रीनिंग कैंप के लिए विशेष मल्टीडिसप्लनेरी टीमों का गठन करने और धर्मशालाओं, सरकारी स्कूलों और आयुष केंद्रों को आईसोलेशन केंद्रों में तब्दील करने जैसी सक्रिय रणनीतियाँ अपनाई जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें किसी भी कीमत पर गाँवों को इस घातक संक्रमण से बचाना है, इसलिए संबंधित प्रत्येक अधिकारी हर गाँव पर विशेष सतर्कता बरता जाना सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण निवासियों के लिए एक विशेष जागरुकता-सह-परामर्श अभियान शुरू किया जाए। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, आशा वर्कर्स और प्रत्येक गांव के पूर्व और वर्तमान जनप्रतिनिधियों को मिलकर लोगों को स्क्रीनिंग कैंप में जांच करवाने के लिए प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। इसके अलावा, ग्रामीणों को कोविड-19 संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए एहतियाती उपाय करने बारे जागरुक करने हेतु समर्पित प्रयास किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोविड-19 प्रबंधन की तैयारियों जैसे टेस्टिंग सुविधा बढ़ाने एवं क्लिनिकल मैनेजमेंट पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ विशेष तौर पर, ग्रामीण क्षेत्रों में जन-जागरुकता गतिविधियां प्राथमिकता के आधार पर आयोजित की जाएं।
8000
मल्टीडिसप्लनेरी
टीमों
का
गठन
मुख्यमंत्री
ने
निर्देश
दिए
कि
प्रदेशभर
में
ट्रेनी
डॉक्टर
के
नेतृत्व
में
स्वास्थ्य
विभाग,
आशा
और
आंगनवाड़ी
वर्कर्स
सहित
लगभग
8000
मल्टीडिसप्लनेरी
टीमों
का
गठन
किया
जाए
ताकि
हर
गांव
में
घर-घर
जाकर
स्वास्थ्य
जांच
हो
सके।
उन्होंने
कहा
कि
हर
परिवार
की
जांच
उनके
ऑक्सीजन
और
तापमान
के
स्तर
की
रिकॉर्डिंग
के
साथ
की
जाए।
उन्होंने कहा कि यदि स्क्रीनिंग कैंप के दौरान यह पता चलता है कि किसी व्यक्ति में बुखार, सर्दी और खांसी जैसे लक्षण हैं, तो उस व्यक्ति को तुरंत होम आईसोलेशन में रहने की सलाह दी जाए। उन्होंने कहा कि स्क्रीनिंग करते समय मल्टीडिसप्लनेरी टीमें यह सुनिश्चित करें कि जिन लोगों में हल्के और मध्यम लक्षण हैं, उन्हें तुरंत कोविड-19 के लिए निर्धारित दवाइयां दी जाएं। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि गंभीर लक्षण वाले लोग आवश्यक उपचार के लिए तुरंत अस्पताल में भर्ती हों।
ग्रामीण
क्षेत्रों
में
विशेष
स्क्रीनिंग
कैंप
लगाए
जाएंगे
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
चूंकि
ग्रामीण
इलाकों
में
वायरस
का
प्रसार
हो
रहा
है,
इसलिए
प्रत्येक
गांव
में
'टेस्ट,
ट्रैक
एंड
ट्रीट'
रणनीति
को
अपनाकर
स्क्रीनिंग
कैंप
लगाए
जाएं
ताकि
यदि
किसी
को
भी
कोविड-19
के
लक्षण
हो,
तो
जल्दी
से
जल्दी
पकड़
में
आ
सकें
और
संक्रमण
के
प्रसार
को
रोका
जा
सके।
इन
कैंपों
के
माध्यम
से
अधिकारी
यह
सुनिश्चित
करें
कि
हरियाणा
के
लगभग
60
लाख
परिवारों
के
प्रत्येक
सदस्य
को
'टेस्ट,
ट्रैक
एंड
ट्रीट'
किया
जा
सके।
उन्होंने
कहा
कि
ग्रामीण
क्षेत्रों
में
जागरुकता
अभियान
शुरू
किए
जाने
चाहिए
ताकि
लोगों
को
बीमारी
के
बारे
में
जागरुक
किया
जा
सके।
इस
कार्य
में
जन
प्रतिनिधियों
की
भागीदारी
भी
सुनिश्चित
की
जानी
चाहिए।
धर्मशाला,
सरकारी
स्कूलों
को
आईसोलेशन
सेंटर
में
बदला
जाए
मुख्यमंत्री
ने
यह
भी
निर्देश
दिए
कि
धर्मशालाओं
एवं
सरकारी
स्कूलों
को
आईसोलेशन
केंद्रों
में
परिवर्तित
करने
की
संभावना
का
जल्द
से
जल्द
पता
लगाया
जाए।
उन्होंने
कहा
कि
अगर
कोविड
केयर
केंद्रों
और
अस्पताल
में
मरीज
बढ़ते
हैं
तो
धर्मशालाओं,
सरकारी
स्कूलों,
जहां
कोविड-19
मरीजोंं
के
इलाज
के
लिए
आवश्यक
चिकित्सा
सुविधाएं
उपलब्ध
हैं,
का
उपयोग
किया
जा
सकता
है
ताकि
हर
मरीज
को
आवश्यक
चिकित्सा
सुविधा
मिल
सके।