मई 2022 में लखनऊ को मिल जाएगी पूरी 104 किमी की आउटर रिंग रोड: सीएम योगी
लखनऊ, अप्रैल 19: योगी सरकार कोविड काल में भी लखनऊ के विकास को गति देने में जुटी है। इसका जीता जागता उदाहरण आउटर रिंग रोड का निरतंर चल रहा निर्माण कार्य बना है। 104 किमी दायरे में आउटर रिंग रोड का निर्माण पूरा होने के बाद सरकार की योजना यहां नया लखनऊ बसाने की है। सरकार का यही प्रयास है कि मई 2022 तक इस कार्य को जल्द पूरा करके लखनऊ के लोगों का बड़ी सौगात दी जाए। इस कार्य में जुटे आला अधिकारियों का कहना है कि दिसम्बर 2021 तक आउटर रिंग रोड का 80 प्रतिशत काम पूरा कर लिया जाएगा और मई मई 2022 तक इसका लाभ आम जनता उठाना शुरू कर देगी।
सरकार की आउटर रिंग रोड की परियोजना हाईटेक रोड के साथ खूबसूरती की मिसाल भी साबित होगा। इस परियोजना से लखनऊ के अंदर भारी वाहन प्रवेश नहीं कर सकेंगे, आउटर रिंग रोड पर फर्राटा भरते हुए वाहन अपना सफर तय करेंगे। उधर, लखनऊ के अंदर जाम लगने की बड़ी समस्या से आम लोगों को बहुत बड़ी राहत मिल जाएगी। इस दौरान कोविड काल में सरकार की ओर से मजदूरों व श्रमिकों का पूरा ध्यान रखा गया। निर्माणक्षेत्र में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन किया गया। सभी कर्मचारियों को मास्क व सैनिटाइजर बराबर बांटे जा रहे हैं।
आउटर रिंग रोड बदल देगी लखनऊ की तस्वीर
करीब 5500 करोड़ की लागत से बनने वाले रिंग रोड की लंबाई करीब 104 किलोमीटर होगी। रिंग रोड 5 नैशनल, 6 स्टेट हाईवे और 104 गांवों को शहर से जोड़ेगी। इसके बन जाने से लखनऊ की तस्वीर काफी बदल जाएगी। इसके लिए नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) और पीडब्लूडी को भी शामिल किया गया। योजना के तहत एलडीए विकास क्षेत्र का हिस्सा बनाए गए नौ ब्लॉकों को कवर कर रहे हैं। पहले फेज में बीकेटी से अस्ती रोड, कुर्सी रोड, बेहटा, इंदिरा कैनाल, मोहनलालगंज होते हुए कानपुर रोड स्थित बनी तक निर्माण होना सुनिश्चित किया गया। दूसरे फेज में कानपुर रोड स्थित बनी से मोहान, काकोरी होते हुए बीकेटी तक निर्माण हो रहा है। आउटर रिंग रोड में लखनऊ समेत बाराबंकी के देवां, नवाबगंज तहसील समीत 43 गांव शामिल होंगे। इस प्रोजेक्ट के तहत दोनों जिलों से करीब 1500 एकड़भूमि का अधिग्रहण किया गया।
बड़ा आर्थिक गलियारा बनकर हो जाएगा तैयार
लखनऊ में बनने वाली आउटर रिंगरोड पूरे लखनऊ के साथ- साथ आस- पास के क्षेत्रों को भी कवर करेगी। ये रोड बख्शी का तालब से लेकर पूरे शहर को घेरते हुए कानपुर रोड तक जाएगी। शहीद पथ की तर्ज पर आउटर रिंग रोड के दोनों ओर भी नियोजित विकास की तैयारी है। आने वाले समय में डिफेंस कोरीडोर की ईकाई के शुरू हो जाने के बाद यह मार्ग आवागमन में काफी सहयोग देगा और प्रदेश की आर्थिक गलियारे के रूप में भी काम करेगा। उधर, शहीद पथ से आईआईएम गेट तक बंधा जहां शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार लाएगा, वहीं शहीद पथ से किसान पथ को जोड़ने वाला बंधा नई टाउनशिप को जन्म देगा।
एक नजर में आउटर रिंग रोड
एलडीए और आवास विकास बल्कि कानपुर रोड पर लीडा क्षेत्र के गांव भी शामिल होंगे। आउटर रिंग रोड की शुरुआत बख्शी का तालाब के आगे डिगोई गांव से की गई जहां से होते हुए ये कुर्सी रोड के पास, गांव बेहटा के साथ बाराबंकी के निंदूरा के गांवों को छूते हुए देवा क्षेत्र को जोड़ रहा है। गांव जबरीखुर्द, कटालीपुरवा, गोसाईंगपुरवा, सरसौंधी, मुरादाबाद, मुजफ्फरमऊ और डुमरीपुरवा गांव को भी छू रहा है। यहां तक बाराबंकी के बाद आउटर रिंग रोड दोबारा लखनऊ सीमा में प्रवेश करेगा। इंदिरा कैनाल के पास गोयल हाइट्स अपार्टमेंट के पास से आउटर रिंग रोड निकलेगा। सुल्तानपुर रोड पर एपीआई अंसल की हाइटेक टाउनशिप से यह रोड गुजरते हुए नगराम के गांव दाऊद नगर से गुजरेगा। आगे रायबरेली रोड के गांव कल्ली पश्चिम के पास से रिंग रोड निकलेगी। यहां से कानपुर रोड पर लीडा क्षेत्र में अगला पड़ाव होगा। इस विकास में 19 किमी का शहीद पथ मॉडल बनेगा।
आउटर रिंग रोड:
-
कुल
लंबाई
104
किमी
-
कुल
बजट
5400
करोड़
-
मई
2022
तक
पूरा
होगा
-
कुल
लंबाई
104
किमी
-
16
सितम्बर
2016
को
हुआ
था
शिलान्यास
किसान
पथ
-11
किमी
लम्बा
है
किसान
पथ
-
280
करोड़
रुपये
निर्माण
में
हुए
खर्च
-
03
साल
पहले
बनना
हुआ
था
शुरू
फायदे
-
रोजाना
42
हजार
से
अधिक
गाड़ियां
आउटर
रिंग
रोड
से
गुजरेंगी
-लखनऊ
को
जाम
से
मिलेगा
छुटकारा,
भारी
वाहनों
का
प्रवेश
लखनऊ
में
नहीं
होगा
-अयोध्या
रोड
से
सुलतानपुर
रोड
के
बीच
सफर
आसान
हो
जाएगा
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