Manish Sisodia Arrest: मंत्रियों की गिरफ्तारी से केजरीवाल पर दवाब
मनीष सिसोदिया AAP के दूसरे मंत्री हैं, जिन्हें CBI ने एक साल से भी कम समय में गिरफ्तार किया है। इससे पहले दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को मई 2022 में ED ने गिरफ्तार किया था, वो अभी भी जेल में हैं।
Manish Sisodia Arrest: आखिरकार सीबीआई ने दिल्ली की रद्द हो चुकी आबकारी नीति में कथित घोटाले के आरोप में रविवार शाम दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया। रविवार सुबह 11:15 बजे सीबीआई मुख्यालय पहुंचे सिसोदिया से एजेंसी ने करीब 8 घंटे पूछताछ करने के बाद जांच में सहयोग न करने और मामले से जुड़े सबूत नष्ट करने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार कर लिया।
मनीष सिसोदिया के खिलाफ सबूतों को मिटाने के अलावा आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश की सजा) और 477ए (खातों में हेरफेर) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 सहित (भ्रष्ट या अवैध तरीकों से या किसी लोक सेवक को प्रभावित करने के लिए अनुचित लाभ उठाना) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था।
क्या है दिल्ली का कथित शराब घोटाला
दिल्ली में लगातार दूसरी बार भारी बहुमत से सरकार बनाने के बाद केजरीवाल सरकार 2020 में विधानसभा में नई शराब नीति लेकर आई, जिसे नवंबर 2021 से लागू कर दिया गया। सरकार ने नई शराब नीति को लागू करने के पीछे 4 प्रमुख तर्क दिए थे जिसमें दिल्ली में शराब माफिया और कालाबाजारी को समाप्त करना, दिल्ली सरकार के राजस्व को बढ़ाना, शराब खरीदने वाले लोगों की शिकायत दूर करना और हर वार्ड में शराब की दुकानों का समान वितरण करना।
इस नई शराब नीति के तहत दिल्ली सरकार ने जो मुख्य फैसले लिए उसके अंतर्गत पूरी दिल्ली को 32 जोन में बांटकर हर जोन में 27 वेंडर रखने का प्रस्ताव था। इसके आधार पर नई शराब नीति के तहत केजरीवाल सरकार ने फैसला किया कि दिल्ली सरकार अब शराब बेचने का काम नहीं करेगी और शराब बेचने के लिए सिर्फ प्राइवेट दुकानें होगी इसलिए हर वार्ड में 2 से 3 वेंडर को शराब बेचने की अनुमति दी गई। दिल्ली सरकार ने दावा किया कि इससे शराब दुकान के लिए लाइसेंस देने की प्रक्रिया को आसान और सहज किया गया है।
दिल्ली के मुख्य सचिव ने अनियमितताओं का आरोप लगाया
नई एक्साइज पॉलिसी को लेकर चीफ सेक्रेटरी की तरफ से दिल्ली के एलजी को रिपोर्ट भेजी गई। रिपोर्ट में कहा गया कि पहली नजर में नई एक्साइज पॉलिसी को लागू करने में जीएनसीटी एक्ट-1991, ट्रांजेक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स 1993, दिल्ली एक्साइज एक्ट 2009 और दिल्ली एक्साइज रूल्स 2010 का उल्लंघन किया गया है। साथ ही टेंडर जारी होने के बाद 2021-22 में लाइसेंस हासिल करने वालों को कई तरह के गैर वाजिब लाभ पहुंचाने के लिए भी जानबूझकर बड़े पैमाने पर तय प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया गया है।
इसके अलावा शराब विक्रेताओं की लाइसेंस फीस भी माफ की गई, जिससे सरकार को 144 करोड़ रुपये के रेवेन्यू का नुकसान हुआ। रिपोर्ट में आबकारी मंत्री की जिम्मेदारी भी निभा रहे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने वैधानिक प्रावधानों और आबकारी नीति का उल्लंघन किया। एलजी ऑफिस की तरफ से यह भी स्पष्ट किया गया है कि ट्रांजेक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स 1993 के रूल नंबर 57 के तहत चीफ सेक्रेटरी ने यह रिपोर्ट एलजी को भेजी थी। दिल्ली के मुख्य सचिव के आरोप और जांच की मांग के बाद उपराज्यपाल बीके सक्सेना ने मामले की जांच करने की अनुमति दे दी। इसके बाद सीबीआई ने पिछले साल 19 अगस्त को मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। इसमें तत्कालीन एक्साइज कमिश्नर समेत तीन अफसर, दो कंपनियां और नौ कारोबारी शामिल थे।
ईडी और सीबीआई ने मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। सीबीआई ने अपनी जांच में पाया कि शराब लॉबी की मिलीभगत और रिश्वत के साथ दिल्ली की आबकारी नीति को संशोधित करते हुए अनियमितताएं की गईं। शराब लाइसेंस फीस माफ या कम की गई और शराब लाइसेंस लेने वालों को अनुचित लाभ दिया गया। यह भी आरोप लगाया गया कि शराब फर्मों ने इस प्रक्रिया में 12% लाभ कमाया, जिसमें से 6% हैदराबाद के बिजनेसमैन अभिषेक बोनीपल्ली जैसे बिचौलियों के माध्यम से सरकारी अफसरों और नेताओं को दिया गया। मामले में मनीष सिसोदिया के साथ तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरवा गोपीकृष्ण, उपायुक्त आनंद तिवारी और सहायक आयुक्त पंकज भटनागर को आरोपी बनाया गया।
मनीष सिसोदिया से 9 घंटे पूछताछ
शराब घोटाला केस में अक्टूबर 2022 में सिसोदिया से करीब 9 घंटे पूछताछ की गई थी। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया था कि 'आप' सरकार ने दिल्ली शराब घोटाले के पैसों का इस्तेमाल गोवा में चुनाव प्रचार के लिए किया। शराब घोटाले में कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया कि दिल्ली शराब घोटाले के एक आरोपी विजय नायर ने शराब कंपनी इंडोस्पिरिट्स के प्रमुख समीर महेंद्रू की दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से बात कराई थी। इस मामले में अब तक 'आप' प्रवक्ता विजय नायर, समीर महेन्द्रू, लाइजनर अभिषेक बोनीपल्ली, सिसोदिया के करीबी अमित अरोड़ा, राजेश जोशी शामिल है। इसी मामले में पिछले साल 30 नवंबर को सीबीआई ने तेलंगाना के सीएम केसीआर की बेटी कविता को भी आरोपी बनाया था और दिसंबर में पूछताछ की थी। हाल ही में कविता के सीए बुच्ची बाबू गोरंटला को भी गिरफतार किया गया था।
केजरीवाल सरकार की कमान सिसोदिया के हाथ में थी
दिल्ली में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भले ही केजरीवाल हों लेकिन सरकार का संचालन मनीष सिसोदिया के ही हाथ में था। दिल्ली सरकार के 33 विभागों में से वित्त, शिक्षा और गृह सहित 18 विभाग सिसोदिया संभाल रहे थे। वो एक तरह से कार्यवाहक सीएम के बतौर कार्य कर रहे थे। अब सिसोदिया के जेल जाने के बाद केजरीवाल के सामने सबसे बड़ी चुनौती वित्त विभाग की है, क्योकि जल्द बजट पेश होना है।
इसका कारण ये है कि सत्येन्द्र जैन की तरह अभी सिसोदिया की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। दिल्ली शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया का एक सहयोगी और बिजनेसमैन दिनेश अरोड़ा सरकारी गवाह बन गया है। पिछले हफ्ते अरोड़ा को दिल्ली की एक अदालत से बेल मिल गई थी, जिसका सीबीआई ने विरोध नहीं किया था।
आम आदमी पार्टी की छवि पर होगा असर
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अपने को कट्टर ईमानदार बताने वाली आम आदमी पार्टी की छवि पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगने से असर पड़ना तय है। अब सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। लोकसभा चुनाव के लिए ज्यादा समय नहीं है। मोदी को चुनौती देने की तैयारी कर रही आप पार्टी को निश्चित रूप से इस मामले से झटका लगा है। अभी देखना बाकी है कि आने वाले समय में सीबीआई की जांच कहां तक जाती है।
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(इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं। लेख में प्रस्तुत किसी भी विचार एवं जानकारी के प्रति Oneindia उत्तरदायी नहीं है।)