वाराणसी: कोरिया से पदक जीतकर व्हीलचेयर पर पहुंची काशी की बेटी, लोगों ने किया स्वागत
कोरिया में रजत पदक जीतने के बाद गुरुवार की रात्रि में वाराणसी एयरपोर्ट पर पहुंची काशी की बेटी सुमेधा पाठक का काशी के लोगों द्वारा स्वागत किया गया
वाराणसी, 26 अगस्त: कोरिया के चांगवोन में खेले जा रहे वर्ल्ड शूटिंग पैरा स्पोर्ट विश्वकप में काशी की बेटी सुमेधा पाठक रजत पदक अपने नाम करने के बाद गुरुवार को रात्रि में वाराणसी एयरपोर्ट पहुंची। वाराणसी एयरपोर्ट पर समाजसेवी प्रवीण तिवारी सहित दर्जनों लोगों ने उसका स्वागत किया। काशी की बेटी द्वारा रजत पदक जीत कर आने की खुशी एयरपोर्ट पर देखने को मिली। टर्मिनल भवन से बाहर निकलते ही काफी संख्या में मौजूद प्रशंसकों ने भारत माता का जयकारा लगाया। वहीं सुमेधा तिवारी ने कहा कि देश के लिए स्वर्ण पदक जीतना उनका अगला लक्ष्य है।
अबतक कई पदक कर चुकी हैं अपने नाम
काशी की बेटी अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज सुमेधा पाठक के जीवन में संघर्षों का दौर 2013 से शुरू हुआ। जब रीढ़ की हड्डी में इंफेक्शन होने के चलते उनका ऑपरेशन कराया गया और उसके बाद कमर के नीचे का हिस्सा काम करना बंद कर दिया। अपने पैरों पर न चल पाने के चलते भी आसमान छूने की जिज्ञासा मन में लिए सुमेधा पाठक का उनके परिवार के लोगों ने पूरा सहयोग किया। यही कारण है कि देश के लिए अबतक कई पदक सुमेधा पाठक अपने नाम कर चुकी हैं।
पापा ने दिया नया जीवन
सुमेधा पाठक अपने उस दौर को याद करते हुए आज भी भावुक हो जाती हैं। सुविधा का कहना है कि आज जो भी पहचान उन्हें मिल रही है या अब तक जो पहचान मिली है उसका श्रेय उनके पापा को जाता है। दिव्यांग बेटी की मदद के लिए उन्होंने अपना व्यवसाय तक छोड़ दिया और उनके मोटिवेशन के कारण ही वे अपनी पहचान बना पा रही हैं। सुमेधा बताते हैं कि ऑपरेशन के बाद उन्हें लगा कि वे कुछ नहीं कर पाएंगी लेकिन उनके पापा बृजेश चंद्र ने उनका पूरा सहयोग किया।
प्रधानमंत्री भी कर चुके हैं तारीफ
पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद जवानों के परिजनों को सुमेधा द्वारा 21 हजार रुपए का चेक रिलीफ फंड में दिया गया था। उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुमेधा पाठक से मिले थे और उसे शुभकामना देने के साथ ही वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय स्तर का शूटिंग रेंज बनवाने का भी वादा किया था।
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