ज्ञानवापी- श्रृंगार गौरी केस : कार्बन डेटिंग कराने की मांग पर अब 7 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले में शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराए जाने के मामले में बृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए अगली तिथि 7 अक्टूबर नियत की गई है
वाराणसी, 29 सितंबर : वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले में शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराए जाने के मामले पर बृहस्पतिवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई की गई। इस मामले में वादी पक्ष की 4 महिलाओं रेखा पाठक, सीता साहू, मंजू व्यास और लक्ष्मी देवी के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा कोर्ट में पक्ष रखा गया। अदालत में पक्ष रखते हुए उन्होंने कहा कि कार्बन डेटिंग या किसी अन्य वैज्ञानिक पद्धति से शिवलिंग का परीक्षण करके यह पता लगाया जाना आवश्यक है कि शिवलिंग कितना पुराना है। दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अगली तिथि 7 अक्टूबर नियत की गई है।
वादिनी
महिलाओं
में
भी
मतभेद
यह
भी
बता
दें
कि
4
महिलाओं
सीता
साहू,
रेखा
पाठक,
मंजू
व्यास
और
लक्ष्मी
देवी
द्वारा
ज्ञानवापी
मस्जिद
में
मिली
शिवलिंग
जैसी
आकृति
की
कार्बन
डेटिंग
की
मांग
की
जा
रही
है
जबकि
एक
अन्य
वादिनी
राखी
सिंह
द्वारा
कार्बन
डेटिंग
कराए
जाने
का
समर्थन
नहीं
किया
जा
रहा
है।
वादिनी
राखी
सिंह
के
अधिवक्ता
ने
कहा
कि
ज्ञानवापी
मस्जिद
के
वजू
खाने
में
जो
शिवलिंग
मिला
है,
यदि
उसकी
कार्बन
डेटिंग
कराई
गई
तो
वह
शिवलिंग
खंडित
हो
जाएगा।
हिंदू
धर्म
में
खंडित
शिवलिंग
या
मूर्ति
की
पूजा
नहीं
की
जाती
है।
ऐसे
में
शिवलिंग
की
कार्बन
डेटिंग
न
कराई
जाए।
सुप्रीम
कोर्ट
के
आदेश
पर
ही
हो
सकती
है
कोई
कार्रवाई
इस
मामले
में
मुस्लिम
पक्ष
अर्थात
अंजुमन
इंतेजामियां
मसाजिद
कमेटी
के
अधिवक्ता
मुमताज
अहमद
और
रईस
अहमद
द्वारा
कहा
गया
कि
ज्ञानवापी
मस्जिद
में
मिले
हुए
कथित
शिवलिंग
को
सुप्रीम
कोर्ट
के
आदेश
पर
सुरक्षित
रखा
गया
है।
कहा
गया
कि
आगे
भी
इस
मामले
में
कार्बन
डेटिंग
या
जो
भी
कुछ
किया
जाएगा
वह
सुप्रीम
कोर्ट
के
आदेश
पर
ही
किया
जाएगा।
दोनों
पक्षों
की
दलीलें
सुनने
के
बाद
7
अक्टूबर
की
तिथि
नियत
की
गई
है।
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