Gyanvapi Case : अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर 10 अक्टूबर को कोर्ट सुनाएगा फैसला
वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के वजुखाने में गंदगी फैलाने और ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के बाद नेताओं द्वारा की गई बयानबाजी पर बुधवार को सुनवाई की गई
वाराणसी, 28 सितंबर : वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के वजुखाने में गंदगी फैलाने और ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव व एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी द्वारा दिए गए बयान को लेकर दाखिल किए गए वाद में बुधवार को वाराणसी में एसीजेएम पंचम एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई। बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान दोनों पक्ष की ओर से बहस के बाद एसीजेएम पंचम (एमपी-एमएलए) उज्ज्वल उपाध्याय की कोर्ट द्वारा आदेश के लिए अगली तिथि 10 अक्टूबर नियत की गई है। सुनवाई के दौरान वादी पक्ष के अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह, मदन मोहन यादव और घनश्याम मिश्र द्वारा वादी हरिशंकर पांडेय की तरफ से अदालत में दलीलें पेश की गई।
कहा
गया
हिंदुओं
की
भावनाएं
हुईं
आहत
वादी
पक्ष
के
द्वारा
दी
गई
दलील
में
यह
भी
कहा
गया
कि
जिला
जज
द्वारा
ज्ञानवापी
और
श्रृंगार
गौरी
मामले
को
सुनवाई
योग्य
बताया
गया
है।
ऐसे
में
सर्वे
के
बाद
यह
भी
जानकारी
सामने
आई
कि
ज्ञानवापी
मस्जिद
में
नमाज
अदा
करने
के
लिए
जाने
वााले
लोगों
द्वारा
वजू
के
दौरान
शिवलिंग
के
समीप
गंदगी
फैलाई
जा
रही
थी।
वहीं
इस
मामले
के
सामने
आने
के
बाद
एआईएमआईएम
प्रमुख
और
हैदराबाद
के
सांसद
तथा
सपा
प्रमुख
अखिलेश
यादव
द्वारा
हिंदुओं
की
भावनाओं
को
आहत
करने
के
लिए
सोशल
मीडिया
पर
बयानबाजी
की
गई।
ऐसे
में
इस
मामले
को
भी
सुनवाई
योग्य
मानते
हुए
विपक्षियों
पर
समुचित
धाराओं
में
मुकदमा
दर्ज
किए
जाने
का
अनुरोध
किया
गया।
अधिवक्ता
हरिशंकर
पांडेय
की
ओर
से
दिया
गया
था
प्रार्थना
पत्र
बता
दें
कि
इस
मामले
में
16
मई
को
ज्ञानवापी
परिसर
में
शिवलिंग
मिलने
के
दावे
के
बाद
सपा
प्रमुख
अखिलेश
यादव
और
हैदराबाद
के
सांसद
असदुद्दीन
ओवैसी
द्वारा
सोशल
मीडिया
पर
पोस्ट
किए
गए
थे।
अधिवक्ता
हरिशंकर
पांडेय
द्वारा
पुलिस
उपायुक्त
को
प्रार्थना
पत्र
देकर
आरोप
लगाया
गया
था
कि
जहां
पर
शिवलिंग
मिला
है
वहां
पर
हाथ-पांव
धोते
हुए
गंदगी
फैलाई
जा
रही
है।
इसके
अलावा
में
प्रार्थना
पत्र
में
यह
भी
लिखा
गया
था
कि
सपा
प्रमुख
अखिलेश
यादव
द्वारा
पीपल
के
पेड़
के
नीचे
पत्थर
रखने
संबंधी
बयान
दिया
गया
और
असदुद्दीन
ओवैसी
द्वारा
धार्मिक
मामले
को
लेकर
लगातार
बयानबाजी
की
गई।
पुलिस
उपायुक्त
को
प्रार्थना
पत्र
देकर
संबंधित
के
खिलाफ
मुकदमा
दर्ज
करने
की
मांग
की
गई
थी।
मुकदमा
दर्ज
न
होने
पर
उन्होंने
अदालत
में
वाद
दायर
किया
था।
इसी
मामले
में
सुनवाई
चल
रही
है।
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