उत्तराखंड की डोईवाला बनी हॉट सीट, आखिरी समय तक भाजपा, कांग्रेस में प्रत्याशी को लेकर बना रहा सस्पेंस
देहरादून, 28 जनवरी। राजधानी देहरादून ही नहीं प्रदेश की सबसे हॉट सीट मानी जा रही डोईवाला सीट पर अंतिम समय तक भाजपा और कांग्रेस में सस्पेंस बना रहा है। कांग्रेस ने पहले मोहित उनियाल को टिकट दिया तो बाद में गौरव चौधरी को टिकट थमा दिया। उधर भाजपा में अंतिम समय तक दीप्ती रावत का नाम फाइनल बताया गया लेकिन नांमाकन से ठीक पहले पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के करीबी बृज भूषण गैरोला को यहां से मैदान में उतारा गया। डोईवाला सीट पर पैराशूट प्रत्याशी को उतारने का विरोध ही टिकट बदलने की मजबूरी माना जा रहा है।

कांग्रेस
ने
अंतिम
समय
में
बदल
दिया
टिकट
पहले
बात
कांग्रेस
की।
हरक
सिंह
रावत
के
कांग्रेस
का
दामन
थामने
के
बाद
चर्चा
शुरू
हुई
कि
कांग्रेस
इस
सीट
पर
हरक
सिंह
रावत
को
चुनाव
लड़ा
सकती
है।
डोईवाला
सीट
से
तैयारी
कर
रहे
हीरा
सिंह
बिष्ट
को
कांग्रेस
ने
रायपुर
का
टिकट
थमा
दिया।
जिसके
बाद
डोईवाला
में
नए
चेहरे
की
तलाश
शुरू
हो
गई।
हेमा
पुरोहित
के
अलावा
भी
कई
दावेदार
कांग्रेस
में
टिकट
की
कतार
में
खड़े
रहे।
लेकिन
पार्टी
ने
एक
11
सीटों
के
टिकट
के
साथ
दूसरी
सूची
जारी
की
तो
डोईवाला
में
युवा
चेहरे
मोहित
उनियाल
को
टिकट
थमाया
गया।
मोहित
उनियाल
ने
समर्थकों
के
संग
अपने
पोस्टर
बैनर
तैयार
करवा
लिए।
इसी
बीच
पार्टी
ने
डोईवाला
में
अचानक
टिकट
बदल
दिया।
जिसमें
डोईवाला
विधानसभा
सीट
से
मोहित
उनियाल
की
जगह
गौरव
चौधरी
को
प्रत्याशी
बनाया
है,
जिसके
बाद
मोहित
उनियाल
अपने
समर्थकों
के
साथ
दिल्ली
रवाना
हो
गए
हैं।
इतना
ही
नहीं
विरोध
में
चुनाव
प्रचार-सामग्री
भी
जलाकर
विरोध
दर्ज
कराया
गया।
डोईवाला
में
नामांकन
से
ठीक
पहले
आया
नाम
सामने
डोईवाला
सीट
शुरू
से
ही
भाजपा
का
गढ़
रही
है।
2002
और
2007
के
विधानसभा
चुनाव
में
त्रिवेंद्र
सिंह
रावत
विधायक
रहे।
2012
के
चुनाव
में
त्रिवेंद्र
ने
रायपुर
सीट
पर
चुनाव
लड़ा,
जबकि
डा.
रमेश
पोखरियाल
निशंक
को
डोईवाला
सीट
पर
उतारा।
निशंक
ने
जीत
दर्ज
कर
डोईवाला
में
तीसरी
बार
भाजपा
को
जीत
दिलाई।
2014
में
निशंक
हरिद्वार
से
लोकसभा
का
चुनाव
लड़े
तो
पार्टी
ने
डोईवाला
सीट
पर
उपचुनाव
लड़ा
दिया
लेकिन
इस
बार
कांग्रेस
के
हीरा
सिंह
बिष्ट
से
चुनाव
हार
गए।
हालांकि
2017
में
त्रिवेंद्र
सिंह
रावत
फिर
विधायक
बने
और
मुख्यमंत्री
की
कुर्सी
तक
पहुंच
गए।
इस
बार
टिकट
फाइनल
होने
से
एक
दिन
पहले
ही
त्रिवेंद्र
सिंह
रावत
ने
चुनाव
न
लड़ने
की
इच्छा
जताकर
मैदान
छोड़
दिया।
हालांकि
दावा
किया
गया
कि
पार्टी
हाईकमान
ने
ही
उन्हें
चुनाव
न
लड़ने
की
सलाह
दी।
इसके
बाद
त्रिवेंद्र
सिंह
रावत
की
जगह
दूसरा
दावेदार
तलाश
किया
गया।
गुरुवार
देर
रात
सोशल
मीडिया
में
दीप्ती
रावत
को
डोईवाला
से
प्रत्याशी
बनाए
जाने
की
बधाईयां
चलती
रही।
इस
बीच
डोईवाला
में
देर
रात
पूर्व
मुख्यमंत्री
त्रिवेंद्र
सिंह
रावत
सक्रिय
हो
गए
और
पैराशूट
प्रत्याशी
का
जमकर
विरोध
शुरू
हो
गया।
सुबह
तक
त्रिवेंद्र
सिंह
रावत
के
करीबी
रहे
बृज
भूषण
गैरोला
को
टिकट
मिल
गया
और
उन्होंने
नामांकन
भी
करा
दिया।
भाजपा
के
अंदर
डोईवाला
सीट
को
लेकर
काफी
होमवर्क
किया
गया।
पहले
दिवंगत
जनरल
बिपिन
रावत
के
परिवार
में
से
किसी
को
चुनाव
लड़ाने
का
दावा
किया
गया।
इसके
बाद
पूर्व
मुख्यमंत्री
बीसी
खंडूरी
की
बेटी
ऋतु
भूषण
खंडूरी
का
नाम
लिया
गया,
लेकिन
ऋतु
खंडूरी
को
कोटद्वार
भेजकर
डोईवाला
में
बृज
भूषण
गैरोला
को
मैदान
में
लाया
गया।
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