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नवरात्र स्पेशल: सिद्धपीठ कुंजापुरी मंदिर, इस स्थान पर देवी सती के गिरे थे बाल, मनोकामना होती है पूरी

टिहरी जिले में सिद्धपीठ कुंजापुरी मंदिर

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देहरादून, 28 सितंबर। टिहरी जिले में सिद्धपीठ कुंजापुरी मंदिर है। जो कि ऋषिकेश से 15 किलोमीटर दूर है। पौराणिक मान्यता है कि इस स्थान पर देवी सती के बाल गिरे थे। इस कारण इसका नाम कुंजापुरी पड़ा। मान्‍यता है कि सच्चे मन से दर्शन करने से माता मनोकामनाएं पूरी करती है। यह मंदिर हर समय खुला रहता है। कुंजापुरी प्रसिद्ध सिद्धपीठों में शामिल है। यहां देश के विभिन्न स्‍थालों से श्रद्धालु आते हैं। शारदीय नवरात्र के दौरान यहां पर भव्य मेला लगता है।

uttarakhand navratri Kunjapuri Temple place the hair of Goddess Sati had fallen wish is fulfilled

कुंजापुरी देवी दुर्गा का मंदिर, टिहरी जिले में स्थापित तीन शक्ति पीठों में से एक

कुंजापुरी नाम एक शिखर पर स्थित मंदिर को दिया गया है जो समुद्र तल से 1676 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
कुंजापुरी देवी दुर्गा का मंदिर है। यह शक्ति पीठों में से एक है और जगदगुरु शंकराचार्य द्वारा टिहरी जिले में स्थापित तीन शक्ति पीठों में से एक है। जिले के अन्य दो शक्ति पीठो में एक सुरकंडा देवी का मंदिर और चन्द्रबदनी देवी का मंदिर हैं। कुंजापुरी, इन दोनों पीठों के साथ एक पवित्र त्रिकोण बनाता हैं। शक्ति पीठ उन जगहों पर हैं जहां भगवान् शिव द्वारा बाहों में हिमालय की ओर ले जा रहे देवी सती,भगवान् शिव की पत्नी एवं राजा दक्ष की पुत्री के मृत शरीर के अंग गिरे थे। देवी सती के पिता राजा दक्ष के द्वारा भगवान शिव के बारे में अपमानजनक बातें सुनने पर सती यज्ञ कुण्ड में जल गई थी, जब भगवान शिव को सती की मृत्यु का पता चला तो वे शोक में चले गए और सटी के पार्थिव शरीर को लेके हिमालय की ओर निकल पड़े, शिव की उदासीनता को तोड़ने और सृष्टी को बचाने के लिए भगवान् विष्णु ने शिव द्वारा ले जा रहे सती के शरीर को सुदर्शन चक्र से काट दिया जिससे सती के अंग विभिन्न पहाड़ियों पर गिर गए थे। यहां सती के बाल गिरे तो इसे कंुजापुरी नाम पड़ा।

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English summary
uttarakhand navratri Kunjapuri Temple place the hair of Goddess Sati had fallen wish is fulfilled
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