उत्तराखंड में कहर बनकर बरसी बारिश, अभी तक 54 की मौत, 1300 लोगों को बचाया गया
उत्तराखंड में आफत बनकर बरसी बारिश अभी तक 54 लोगों की जान ले चुकी है।
देहरादून, 21 अक्टूबर: उत्तराखंड में तीन दिन तक हुई लगातार भारी बारिश ने जमकर कहर बरपाया है और राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, इस आपदा में अभी तक अलग-अलग जिलों में 54 लोगों की जान जा चुकी है। कुदरत के इस कहर में 19 लोग घायल हुए हैं और 5 अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ-एसडीआरएफ के साथ सेना की टीम भी बुलाई गई थी। वहीं, गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हालात का जायजा लेने के लिए उत्तराखंड पहुंचे और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ बारिश-बाढ़ से प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा किया।
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उत्तराखंड सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक, बारिश और बाढ़ की वजह से हुई कुल 54 मौतों में से, सबसे ज्यादा 28 मौतें नैनीताल जिले में हुई हैं। इसके बाद चंपावत में 8 और अल्मोड़ा में 6 लोगों का जान गई है। राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारी बारिश के कारण उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में आई बाढ़ में 17 अक्टूबर को पहली मौत दर्ज की गई, इसके बाद 18 अक्टूबर को 8 लोगों की जान गई और 19 अक्टूबर को 35 लोगों की मौत हुई। इनमें से सबसे ज्यादा मौतें बारिश की वजह से घर ढहने की घटनाओं के कारण हुई हैं। बारिश की वजह से छियालीस घरों को नुकसान पहुंचा है।
फिर
से
शुरू
हुई
चारधाम
यात्रा
वहीं,
एनडीआरएफ
ने
बयान
जारी
करते
हुए
बताया
कि
उनकी
टीमें
अभी
तक
राज्य
में
बाढ़
और
बारिश
से
प्रभावित
अलग-अलग
इलाकों
से
करीब
1300
लोगों
को
सुरक्षित
बचा
चुकी
हैं।
आपको
बता
दें
कि
राहत
और
बचाव
कार्य
के
लिए
पूरे
उत्तराखंड
में
एनडीआरएफ
की
17
टीमों
को
उतारा
गया
था।
हालांकि
बुधवार
को
मौसम
में
कुछ
सुधार
हुआ
और
राज्य
सरकार
ने
फंसे
हुए
तीर्थयात्रियों
को
केदारनाथ,
यमुनोत्री
और
गंगोत्री
की
यात्रा
की
इजाजत
दी।
इसके
बाद
गुरुवार
को
बद्रीनाथ
धाम
के
लिए
भी
छोटे
और
हल्के
वाहनों
के
लिए
भी
रास्ते
खोल
दिए
गए
हैं।
नैनीताल
से
रामगढ़
और
मुक्तेश्वर
जाने
वाली
सड़क
भी
अब
खोल
दी
गई
है।
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