Uttarakhand : हरदा पर भारी न पड़ जाए सोशल मीडिया की सक्रियता, चौतरफा शुरू हुआ वार
भाजपा और कांग्रेस के दूसरे खेमे के नेताओंं के निशाने पर हरीश रावत
देहरादून, 14 अक्टूबर। चुनावी साल में कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सीएम के हरीश रावत की सोशल मीडिया पर सक्रियता हरीश रावत के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है। लगातार बयानबाजी और तंज कसने के कारण हरीश रावत विपक्षी दल भाजपा ही नहीं अपनी पार्टी कांग्रेस के दूसरे नेताओं के निशाने पर आ गए हैं। जिससे आने वाले दिनों में हरीश रावत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
हरदा
सबसे
ज्यादा
एक्टिव,
हरक
के
निशाने
पर
उत्तराखंड
में
सियासी
पारा
चढ़ा
हुआ
है।
हर
कोई
अपने
अपने
चुनावी
दांव
खेलने
में
जुटे
हैं।
जिसके
लिए
सोशल
मीडिया
प्लेटफॉर्म
का
भी
जमकर
इस्तेमाल
हो
रहा
है।
खासकर
पूर्व
सीएम
हरीश
रावत
सबसे
ज्यादा
एक्टिव
नजर
आ
रहे
हैं।
हरीश
रावत
का
हर
प्रकरण
पर
त्वरित
टिप्पणी
आने
का
सिलसिला
जारी
है।
यशपाल
आर्य
के
कांग्रेस
में
आने
और
बागियों
को
महापापी
कहने
के
बाद
हरीश
रावत
दूसरे
नेताओं
के
निशाने
पर
हैं।
हरीश
रावत
के
बागियों
को
महापापी
कहने
पर
हरक
सिंह
ने
नाराजगी
जताई
है।
उन्होंने
हरीश
रावत
पर
आरोप
लगाया
कि
महापापी
कौन
है
ये
सब
जानते
हैं।
उन्होंने
डेनिस
शराब
का
जिक्र
करते
हुए
कहा
कि
डेनिस
ने
प्रदेश
के
युवाओं
का
भविष्य
खराब
किया
है।
इस
बयान
के
बाद
हरक
और
हरीश
रावत
फिर
से
आमने
सामने
आ
चुके
हैं।
हरक
सिंह
के
आरोपों
पर
हरीश
रावत
ने
तुरंत
प्रतिक्रिया
दी।
हरीश
रावत
ने
कहा
कि
सरकारों
के
ऊपर
डेनिश
प्रेम
आज
भी
बरकरार
है।
उत्तराखंड
में
वाइन
शॉप
से
लेकर
सीएसडी
कैंटिनों
में
भी
धड़ल्ले
से
डेनिश
बिक
रही
है।
बस
अंतर
इतना
है,
2016
की
डेनिश
मे
उत्तराखंडी_फलों
का
सार
सम्मलित
था।
साफ
है
हरीश
रावत
के
आरोपों
और
प्रत्यारोपों
पर
राजनीति
जमकर
हो
रही
है।
बंशीधर
ने
भी
घेरा
इधर
हरीश
रावत
के
कैबिनेट
मंत्री
बंशीधर
भगत
के
दशरथ
का
किरदार
निभाने
पर
तंज
कसने
को
लेकर
भी
हरीश
रावत
भगत
के
निशाने
पर
हैं।
हरीश
रावत
ने
बंशीधर
के
फोटो
पर
कंमेट
किया
कि
दशरथ
के
वेश
में
बंशीधर
भगत।
देखना,
ख्याल
रखो
कहीं
यह
भव्य
दशरथ
2022
में
भाजपा
रूपी
मंथरा
के
षड्यंत्र
का
शिकार
न
हो
जाएं।
इस
पर
बंशीधर
ने
आपत्ति
दर्ज
कराते
हुए
हरीश
रावत
पर
जमकर
प्रहार
किया।
बंशीधर
ने
राम
के
अस्तित्व
न
मानने
वाली
कांग्रेस
को
रामलीला
को
लेकर
किसी
तरह
के
शब्दों
का
इस्तेमाल
न
करने
की
सलाह
दे
डाली।
साफ
है
कि
हरीश
रावत
लगातार
विपक्षी
नेताओं
के
निशाने
पर
हैं।
प्रीतम
कैंप
भी
लगातार
हमलावर
इधर
यशपाल
आर्य
प्रकरण
और
बागियों
को
लेकर
हरीश
रावत
की
शर्त
को
लेकर
पार्टी
के
अंदर
ही
विवाद
खड़ा
हो
गया
है।
प्रीतम
कैंप
हरीश
रावत
की
शर्त
का
विरोध
करने
लगा
है।
कांग्रेस
में
आने
के
लिए
माफी
मांगने
की
मांग
करने
वाले
हरीश
रावत
के
सामने
पार्टी
के
ही
दूसरा
धड़ा
खिलाफत
करने
लगा
है।
प्रीतम
कैंप
इस
तरह
की
किसी
भी
शर्त
को
लेकर
अब
हरदा
पर
हमलावर
है।
बागियों
की
एंट्री
को
लेकर
प्रीतम
सिंह
कैंप
ज्यादा
एक्टिव
नजर
आ
रहा
है।
प्रीतम
कैंप
के
लगता
है
कि
बागियों
के
आने
से
प्रीतम
सिंह
मजबूत
हो
जाएंगे।
जबकि
हरीश
रावत
को
इस
बात
का
डर
है
कि
बागियों
के
आने
से
उनके
खिलाफ
दूसरा
खेमा
ज्यादा
मजबूत
हो
जाएगा
जिससे
उनके
सीएम
बनने
के
सपने
पर
पानी
फिर
सकता
है।