प्रेसीडेंट बॉडीगार्ड स्टेट स्थित ‘आशियाना’ में रात्रि विश्राम करेंगी राष्ट्रपति मुर्मू, जानिए इसका इतिहास
देहरादून में द प्रेसीडेंट बॉडीगार्ड स्टेट स्थित 'आशियाना' राष्ट्रपति का विश्राम स्थल है। वर्ष 1975-76 में तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन ने ग्रीष्मकालीन दौरे के लिए दून का चुनाव किया तब कमांडेंट बंगले का जीर्णोद्धार किया।
राष्ट्रपति बनने के बाद राष्ट्रपति मुर्मू आठ दिसंबर को पहली बार उत्तराखंड दौरे पर आ रही हैं। चार साल बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देहरादून स्थित आशियाना रात को वह आशियाना में विश्राम करेंगी। इससे पहले 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यहां विश्राम किया था।
आठ व नौ दिसंबर को देहरादून में रहेंगी राष्ट्रपति
राष्ट्रपति
द्रौपदी
मुर्मू
आठ
दिसंबर
को
दो
दिवसीय
दौरे
पर
देहरादून
आ
रही
हैं।
इस
दौरान
वह
यहां
द
प्रेसीडेंट
बॉडीगार्ड
स्टेट
स्थित
'आशियाना'
में
रात्रि
विश्राम
करेंगी।
राष्ट्रपति
आठ
व
नौ
दिसंबर
को
देहरादून
में
रहेंगी।
राष्ट्रपति
मुर्मू
आठ
दिसंबर
को
देहरादून
पहुंचेंगी।
इसके
बाद
वह
राजभवन
जाएंगी।
रात
को
वह
आशियाना
में
विश्राम
करेंगी।
नौ
दिसंबर
को
राष्ट्रपति
पहले
लाल
बहादुर
शास्त्री
प्रशासनिक
अकादमी
मसूरी
में
भावी
आईएएस
अफसरों
को
संबोधित
करेंगी।
इसके
बाद
दिन
में
दून
विश्वविद्यालय
के
दीक्षांत
समारोह
में
बतौर
मुख्य
अतिथि
शामिल
होंगी।
'आशियाना'
राष्ट्रपति
का
विश्राम
स्थल
देहरादून
में
द
प्रेसीडेंट
बॉडीगार्ड
स्टेट
स्थित
'आशियाना'
राष्ट्रपति
का
विश्राम
स्थल
है।
भारतीय
सेना
की
सबसे
पुरानी
रेजीमेंट
प्रेसीडेंट
बॉडीगार्ड,
की
स्थापना
1773
में
भारत
के
तत्कालीन
गवर्नर
जनरल
वारेन
हेस्टिंग्स
ने
की।
1859
में
इसे
वायसराय
बॉडीगार्ड
नाम
दिया,
जिसे
बाद
में
द
प्रेसीडेंट
बॉडीगार्ड
में
तब्दील
कर
दिया
गया।
राष्ट्रपति
के
अंगरक्षकों
की
घोड़ा
गाड़ी
के
लिए
दून
में
पहली
बार
1938
में
ग्रीष्मकालीन
शिविर
स्थापित
किया
गया।
इससे
पहले
1920
में
यहां
राष्ट्रपति
के
अंगरक्षकों
के
कमाडेंट
का
बंगला
स्थापित
कर
दिया
गया
था।
आजादी
के
पश्चात
करीब
175
एकड़
में
फैला
यह
क्षेत्र
द
प्रेसीडेंट
बॉडीगार्ड
स्टेट
के
रूप
में
जाना
गया।
वर्ष 1975-76 में कमांडेंट बंगले का जीर्णोद्धार किया और नाम रखा आशियाना
वर्ष 1975-76 में जब तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन ने ग्रीष्मकालीन दौरे के लिए दून का चुनाव किया तब कमांडेंट बंगले का जीर्णोद्धार किया गया और नाम रखा आशियाना। तब से दून आने वाले राष्ट्रपति इसी आवास में ठहरते थे। वर्ष 1998 में तत्कालीन राष्ट्रपति केआर नारायणन इस बंगले में ठहरने वाले आखिरी राष्ट्रपति थे। 2014 में इस विरासत को संवारने का निश्चय किया गया और केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान की सलाह पर मई 2015 में यहां सर्वे किया गया। करीब डेढ़ करोड़ की लागत से दो साल में इसे बिल्कुल नया रूप दे दिया गया। 'आशियाना'के भू-निर्माण में नए लॉन, हेजेज, सजावटी पौधे तथा फूलों वाले वृक्ष तथा झाडिय़ों का प्रयोग सौन्दर्य तथा हरियाली को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। नहरों द्वारा सिंचाई की पुरानी व्यवस्था को भी पुनर्जीवित किया गया है। देहरादून का यह आशियाना प्रेजिडेंट बॉडीगार्ड के नाम से जाना जाता है। जो करीब 170 एकड़ भूमि में बना है। आवासीय हिस्से को आशियाना का नाम दिया गया है। आवास में आठ कमरों के साथ सुरक्षा कर्मियों के रहने के लिए दो बैरक स्थापित हैं। घोड़ों लिए अलग से एक अस्तबल है। लीची और आम के बाग के साथ कई तरह की बागवानी भी है।