तपोवन सुरंग में फंसे है अभी 35 लोग, जान हथेली पर रखकर बचाव कार्य में जुटे ITBP के जवान, देखें वीडियो
Uttarakhand Glacier Burst, चमोली। 7 फरवरी को उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर के फटने से आई जल प्रलय से कई लोगों की जान चली गई। वहीं, कई विकास के प्रोजेक्ट भी पूरी तरह से तबाह हो गए। तपोवन जल विघुत परियोजना के बाहर जल प्रलय से तबाही का मंजर पसरा हुआ है। टनल के बाहर भी मलबा और भीतर कई मीटर तक कीचड़ ही कीचड़ है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक, सुरंग के अंदर करीब 35 लोग अभी भी फंसे हुए, जिन्हें बचाने के लिए आईटीबीपी के जवान अपनी जान हथेली पर रखकर बचाव कार्य में जुटे है। कब कहां पांव धंस जाए किसी को पता नहीं। वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें...
35 लोगों को बचाने के लिए अभियान
ताजा आंकड़ों के अनुसार, इस हादसे में मारे गए 26 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 171 लोगों के अभी भी लापता होने की खबर है। इसके अलावा कई सारी एजेंसियां फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए रात दिन काम कर रही हैं। टनल में लोगों को तलाशनें में जुटी आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें कदम-कदम पर मुश्किलों का सामना करते हुए टनल के भीतर रेस्कयू ऑपरेशन चला रही है। उत्तराखंड के डीजीपी के मुताबिक, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों ने 7 फरवरी को चमोली में सुरंग में फंसे लोगों को बचाया। अभी भी वो सुरंग में बचाव अभियान चल रहा है, जहां लगभग 35 लोग फंसे हुए हैं। देखें वीडियो
टनल में कई-कई फीट जमा है गाद
वहीं, आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडे ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि टनल के भीतर फंसे मजदूरों को बचाने के लिए खास उपकरण लगाए गए हैं। बताया कि रेस्क्यू टीम आज भी टनल से कीचड़ को हटाकर भीतर फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए जूझती रही। लेकिन टनल में कई-कई फीट गाद जमा है। लेकिन हमें उम्मीद है कि हम सभी को बचा लेंगे। टनल के भीतर करीब 100 मीटर के रास्ते को साफ कर दिया गया है और 100 मीटर तक मलबे को हटाया जाना है। घटनास्थल पर फिलहाल आईटीबीपी के करीब 300 जवान तैनात हैं। देखें वीडियो
Recommended Video
मलबा साफ करने में जुटे है ITBP के जवान
एक अन्य अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि हेड रेस टनल या एचआरटी में करीब 35 लोग फंसे हुए हैं। जिन्हें बचान के लिए स्थानीय मजदूरों के साथ आईटीबीपी के दल अर्थमूवर्स मशीनों की मदद से 1500 मीटर लंबी सुरंग के पास मलबा साफ करने के काम में जुटें हैं। बता दें कि तपोवन में टनल से मलबा हटाने का कार्य मंगलवार को तीसरे दिन भी जारी है। सोमवार को यहां पूरी रात मलबा हटाया गया। सुरंग के अंदर सरिया आने से डोजर को मलबा हटाने में परेशानी हो रही थी। जिस कारण आईटीबीपी के जवानों ने सरिया काटकर सुरंग के अंदर रास्ता बनाया।
सीएम रावत ने किया हवाई निरीक्षण, घायलों से जाना हाल
वहीं, दूसरी तरफ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चमोली ज़िले में ग्लेशियर टूटने से प्रभावित इलाकों का एरियल सर्वे किया। इसके बाद सीएम रावत जोशीमठ में आईटीबीपी अस्पताल में जाकर रेस्क्यू किए गए लोगों से मिले और उनका हालचाल जाना। वहां से निकलने के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि, जिन 12 घायलों को रेस्क्यू किया गया है वो आईटीबीपी के इस अस्पताल में भर्ती हैं, सभी ठीक हैं। उन्होंने बताया कि शरीर में काफी दर्द है, डॉक्टरों का कहना है कि ये धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा।
ये भी पढ़ें:- Uttarakhand: सेना के सर्च ऑपरेशन में अभी तक 26 शव बरामद, 117 अभी भी लापता