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उत्तराखंड में चुनाव में जाने से पहले धामी सरकार ने ​लिए ये बड़े फैसले, महिला वोटों को साधने की तैयारी

महिला नेताओं को बांटी जिम्मेदारी, कर्मचारियों को सौगात

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देहरादून, 8 जनवरी। उत्तराखंड में चुनाव में जाने से पहले प्रदेश की धामी सरकार ने महिला वोटबैंक पर सेंधमारी के लिए बड़ा दांव खेला है। प्रदेश सरकार ने 33 हजार से ज्यादा आंगनवाड़ी कार्मिकों को प्रोत्साहन राशि का तोहफा दिया है। धामी सरकार का ये फैसला चुनावी साल में बड़ा चुनावी तोहफा माना जा रहा है। इसके जरिए धामी सरकार ने प्रदेश के हजारों परिवार तक सीधे पहुंचने की कोशिश की है। इसके अलावा आचार संहिता लगने से पहले ही धामी सरकार ने राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष,बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष पद पर महिला नेताओं को नियुक्त कर दिया है। आंगनवाडी कार्यकर्ताओं से पहले सरकार ने उत्तराखंड की सभी आशा कार्यकर्ताओं और आशा फैसिलिटेटर को प्रोत्साहन राशि के रूप में पांच माह तक दो-दो हजार रुपए देने की जीओ भी जारी कर चुकी है।

Before going to the elections in Uttarakhand, the Dhami government took these big decisions, preparing to handle womens votes

33 हजार कर्मियों को सौगात
2022 के विधानसभा के लिए काउंडाउन शुरू हो गया है। आचार संहिता लगने से पहले ही राज्य सरकार लगातार बड़े फैसले लेने में जुटी है। अंतिम समय में सबसे ज्यादा फोकस राज्य सरकार का महिला सशक्तिकरण और महिलाओं से जुड़े मसलो पर देखने को मिला है। शुक्रवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आंगनवाड़ी कार्मिकों को लगभग 24 करोड़ के मानदेय एवं 6.74 करोड़ के प्रोत्साहन राशि का डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरण किया। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम स्तर पर कार्यरत आंगनवाड़ी कार्मिकों को प्रोत्साहन एवं मानदेय धनराशि का एकसाथ ऑनलाइन डीबीटी हस्तान्तरण किया गया। जिसमें 33717 कार्मिकों को दिसम्बर हेतु देय लगभग 24 करोड़ रुपये मानदेय का भुगतान डीबीटी के माध्यम से किया। इसमें 14495 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 9300 प्रति कार्मिक की दर से लगभग 13.48 करोड़ और 14265 आंगनवाड़ी सहायिकाओं को 5250 प्रति कार्मिक की दर से लगभग 7.5 करोड़, 4957 मिनी कार्यकर्ताओं को 6250 प्रति कार्मिक की दर से लगभग 3 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। सरकार का ये फैसला गांव स्तर पर महिलाओं तक सीधे पहुंचने का है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता गांव स्तर पर सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का काम करती हैं।
आधी आबादी निर्णायक भूमिका में
उत्तराखंड में इस बार राजनीतिक दल युवा और महिलाओं पर फोकस कर रहे हैं। इसका प्रमुख कारण युवा और महिला वोटरों की खासा तादात होना है। आकंड़ों पर गौर करें तो इस बार प्रदेश में 81,43,922 मतदाता हैं। इनमें 42,24,288 पुरुष मतदाता और 39,19,334 महिला मतदाता हैं। ऐसे में इस बार सरकार के चुनाव में महिला वोटर की सबसे अहम भूमिका है। जिन पर सभी सियासी दलों की नजर लगी हुई है। राज्य सरकार लगातार महिलाओं को लेकर बड़े फैसले ले रही है। आचार संहिता लगने की खबरों के बीच धामी सरकार ने राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष पर ऋषिकेश भाजपा की नेता कुसुम कंडवाल की नियुक्ति कर दी है। इसके अलावा गीता खन्ना को बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया है। आंगनवाडी कार्यकर्ताओं से पहले सरकार ने उत्तराखंड की सभी आशा कार्यकर्ताओं और आशा फैसिलिटेटर को प्रोत्साहन राशि के रूप में पांच माह तक दो-दो हजार रुपए देने की जीओ भी कर चुकी है। इस बार चुनाव से पहले हर सियासी दल महिला वोटर पर फोकस कर रही है। आम आदमी पार्टी ने महिला वोटर पर सबसे बड़ा सियासी दांव खेला है। जिसमें हर परिवार की हर महिला को एक-एक हजार रुपए प्रोत्साहन राशि देने का वादा किया है।

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English summary
Before going to the elections in Uttarakhand, the Dhami government took these big decisions, preparing to handle women's votes
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