Bageshwar dham:आचार्य बालकृष्ण के साथ कहां पहुंचे धीरेंद्र शास्त्री?, इस तरह बिताया समय
धीरेंद्र शास्त्री के हरिद्वार पतंजलि आश्रम और ऋषिकेश, नीलकंठ पहुंचने की भी खबरें सामने आई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार धीरेंद्र शास्त्री और बालकृष्ण पौड़ी गढ़वाल पोखरी गांव स्थित पतंजलि वेलनेस सेंटर पहुंचे थे।
बागेश्वर धाम सरकार स्वामी आचार्य धीरेंद्र शास्त्री उत्तराखंड भ्रमण पर हैं। कल धीरेंद्र शास्त्री ने पहाड़ से एक वीडियो जारी कर इस बात की जानकारी दी कि वे उत्तराखंड में हैं और साधु संतों का निमंत्रण देने के साथ ही आशीर्वाद लेने आए हैंं। उनका कहना है कि वे उत्तराखंड के संतों को बागेश्वर धाम में होने वाले आयोजन का आमंत्रण देने आए हैं।
संतों
को
यज्ञ
का
निमंत्रण
देने
के
लिए
वह
उत्तराखंड
आए
इस
बीच
धीरेंद्र
शास्त्री
के
हरिद्वार
पतंजलि
आश्रम
और
ऋषिकेश,
नीलकंठ
पहुंचने
की
भी
खबरें
सामने
आई
है।
इसके
बाद
अब
धीरेंद्र
शास्त्री
की
बागेश्वर
जाने
की
खबरें
भी
सामने
आ
रही
है।
धीरेंद्र
शास्त्री
ने
कहा
कि
वह
13
फरवरी
से
19
फरवरी
तक
मध्य
प्रदेश
के
छतरपुर
में
121
बेटियों
के
विवाह
(यज्ञ)
की
तैयारी
कर
रहे
हैं।
संतों
को
यज्ञ
का
निमंत्रण
देने
के
लिए
वह
उत्तराखंड
आए
हैं।
प्राप्त
जानकारी
के
अनुसार
धीरेंद्र
शास्त्री
और
बालकृष्ण
पौड़ी
गढ़वाल
पोखरी
गांव
स्थित
पतंजलि
वेलनेस
सेंटर
पहुंचे
थे।
जिसका
उद्घाटन
उत्तर
प्रदेश
के
सीएम
योगी
आदित्यनाथ
ने
बाबा
रामदेव
के
साथ
किया
था।
इस
दौरान
सीएम
योगी
आदित्यनाथ
अपने
पैतृक
गांव
पंचूर
में
रुके
थे।
आचार्य बालकृष्ण भी उनके साथ नजर आए
हरिद्वार और ऋषिकेश यात्रा में धीरेंद्र शास्त्री के साथ आचार्य बालकृष्ण भी उनके साथ नजर आए। आचार्य बालकृष्ण ने सोशल मीडिया के जरिए जानकारी दी कि लगभग 23 घंटे उन्होंने साथ बिताए। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि
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बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के साथ बिताए कुछ पल, यूं भोलेपन से मुस्कुराना तुम्हारा, यह बताने के लिए पर्याप्त है कि तुम भोले और सहज हो, यह निश्छलता व सहजता ही तुम्हारा आभूषण है। मिलने से पूर्व अविश्वास तो नहीं, पर शंकाओं से रहित भी तो नहीं। हमनें अपने अनुज के साथ लगभग 23 घंटे बिताए, जिसमें देखा- देश के लिए चिंता करते हुए व समस्याओं का समाधान खोजते हुए युवा मस्तिष्क को, राष्ट्रवाद को लेकर धड़कते एक युवा हृदय को। मुझे गर्व है कि मुझे ऐसा छोटा भाई मिला, जो संवेदनशील होने के साथ दैवीय कृपाप्रसाद से युक्त है, जो स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में व साधनहीन वंचित जनों के पीड़ाहरण के लिए कार्य करना चाहता है। सदैव अविचलित व अडिग बनो, तुम धीर हो, धीरेन्द्र हो, कृष्ण हो। बालकृष्ण सदृश अनेकों भाई तुम्हारे पथ को कंटकविहीन करने के लिए सदैव तत्पर हैं, क्योंकि तुम सनातन के लिए हो, किसी संप्रदाय के लिए नहीं
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