यशपाल आर्य के कांग्रेस में जाने के बाद अब दलित वोटर को अपने पक्ष में करने का ये है भाजपा का प्लान
देहरादून, 25 अक्टूबर। उत्तराखंड में पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के कांग्रेस में घर वापसी के बाद भाजपा की अब दलित वोटर पर नजर है। भाजपा दलित वर्ग को अपने पक्ष में करने के लिए हर तरह के नए समीकरणों पर फोकस करने में जुट गई है। इसके लिए सबसे पहले भाजपा ने पारंपरिक वाद्ययंत्रों ढोल, दमाऊ, रणसिंघा, मशकबीन से जुड़े लोगों को बड़ी सौगात देने का ऐलान किया है। साथ ही राज्य सरकार लगातार ऐसे कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है, जहां पारंपरिक वाद्ययंत्रों से संबंधित कार्यक्रम हो रहे हैं।

पारंपरिक वाद्ययंत्रों से जुड़े लोग अधिकतर दलित वर्ग से जुड़े
उत्तराखंड में 18 परसेंट दलित वोटर है। जो कि बीते सालों में बहुजन समाज पार्टी से हटकर भाजपा और कांग्रेस की तरफ झुका है। 2017 में भाजपा के पास यशपाल आर्य दलित चेहरा था, जो कि कांग्रेस से भाजपा में आए थे। लेकिन इस बार चुनाव से ठीक पहले यशपाल आर्य ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन कर ली। कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के प्रमुख पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी दलित सीएम को लेकर बड़ा दांव खेला है। ऐसे में भाजपा को दलित वोट कांग्रेस के पक्ष में जाने का डर है। जिसके लिए भाजपा को नए सिरे से दलित वोटर को लेकर रणनीति पर काम करना पड़ रहा है। उत्तराखंड में पारंपरिक वाद्ययंत्रों से जुड़े लोग अधिकतर दलित वर्ग से जुड़े हैं। ऐसे में भाजपा की नजर पारंपरिक वाद्ययंत्रों के सहारे दलित वोटर को अपने पक्ष में करने की है।

सीएम ने दी आर्थिक सहायता
बीते दिनों उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकगायक पद्मश्री प्रीतम भरतवाण ने जागर ढोल सागर इंटरनेशनल एकेडमी का उद्घाटन हुआ। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिरकत की। सीएम ने कहा कि लोक संस्कृति हमारी पहचान है, हमें इसे भूलना नहीं चाहिए। जिस प्रकार एक पेड़ अपनी मजबूत जड़ों की वजह से हरा-भरा रहता है, उसी प्रकार हमारी उन्नति भी हमारी मजबूत लोक संस्कृति पर निर्भर है। मुख्यमंत्री ने पद्मश्री डा. प्रीतम भरतवाण से शोषित व जरूरतमंद बच्चों के उत्थान के लिए कार्य करने का आह्वान किया। साथ ही एकेडमी को 10 लाख रुपये देने की घोषणा की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लोक कलाकारों को सम्मानित भी किया।

ढोल वादकों को प्रोत्साहन राशि और मंदिरों में रोजगार देने की घोषणा
देहरादून में उत्तराखंड विरासत वाद्ययंत्र एवं प्रस्तुतिकरण एवं हस्तशिल्प प्रदर्शनी का आयोजन हुआ। जिसमें पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ जागर गायन और छोलिया नृत्य का आयोजन हुआ। इस दौरान प्रदेशभर से ढोल, दमाऊ, रणसिंघा, मशकबीन बजाकर कलाकारों ने प्रस्तुति दी। इस दौरान पहुंचे कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने ढोल वादकों को प्रोत्साहन राशि देने और साथ ही राज्य के मंदिरों में रोजगार देने की घोषणा की। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और मेयर सुनील उनियाल गामा ने प्रमाणपत्र देकर कलाकारों को सम्मानित किया। इस दौरान गणेश जोशी ने कलाकारों के हुनर की प्रशंसा की। कहा कि ढोल उत्तराखंड की पारंपरिक संस्कृति है और इस संस्कृति को कलाकारों ने बचाया हुआ है। उन्होंने ढोल वादकों को प्रोत्साहन राशि मिलने के प्रति आश्वस्त किया। साथ ही उन्होंने ढोल वादकों को उत्तराखंड के मंदिरों में रोजगार देने की बात भी कही। कार्यक्रम में कुमाऊं की जोहार घाटी के कलाकारों ने जागर गायन प्रस्तुत किया। छोलिया नर्तकों की टीम ने वाद्यों यंत्रों के साथ नृत्य प्रस्तुत किया।