यूपी में मनमाने तरीके से अब नहीं बढ़ाया जा सकेगा किराया, योगी सरकार ने उठाया यह कदम
लखनऊ। किराएदारों के हितों से जुड़ी एक बड़ी खबर उत्तर प्रदेश से सामने आई है। यहां केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए आदर्श किरायेदारी अधिनियम को उत्तर प्रदेश में भी जल्द लागू कर दिया जाएगा। इस अधिनियम को भवन स्वामी और किराएदारों के हितों को ध्यान में रखते हुए संशोधनों के साथ लागू किया जाएगा। हालांकि, सरकार ने इस लागू करने से पहले प्रदेशवासियों से सुझाव भी मांगे हैं। कोई भी व्यक्ति 20 दिसंबर तक प्रस्तावित अधिनियम पर अपने-अपने सुझाव दे सकता है।
यहां
कर
सकते
है
चैक
दरअसल,
केंद्रीय
शहरी
विकास
मंत्रालय
द्वारा
सभी
प्रदेशों
को
किरायेदारी
अधिनियम
का
मॉडल
ड्राफ्ट
भेज
दिया
है।
केंद्र
के
माडल
ड्राफ्ट
पर
प्रस्तावित
उत्तर
प्रदेश
नगरीय
परिसरों
की
किरायेदारी
विनियम
अध्यादेश-2020
को
राज्य
में
लागू
करने
से
पहले
प्रदेश
के
मुखया
योगी
आदित्यनाथ
ने
इस
मॉडल
पर
प्रदेशवासियों
से
सुझाव
मांगने
के
निर्देश
विभागीय
अधिकारियों
को
दिए
हैं।
तो
वहीं,
प्रमुख
सचिव
आवास
एवं
शहरी
नियोजन
दीपक
कुमार
ने
बताया
कि
प्रस्तावित
अधिनियम
का
ड्राफ्ट
विभागीय
पोर्टल
awas.up.nic.in
व
आवास
बंधु
की
वेबसाइट
awasbandhu.in
पर
देख
सकते
है।
20
दिसंबर
तक
मांगे
सुझाव
प्रमुख
सचिव
आवास
एवं
शहरी
नियोजन
दीपक
कुमार
ने
मीडिया
को
जानकारी
देते
हुए
बताया
कि
कोई
भी
व्यक्ति
20
दिसंबर
तक
अपने
सुझाव,
लाल
बहादुर
शास्त्री
भवन
स्थित
आवास
विभाग
को
दे
सकता
है।
उचित
सुझाव
के
आधार
पर
प्रस्तावित
अधिनियम
में
बदलाव
कर
उसे
कैबिनेट
के
समक्ष
रखा
जाएगा।
कैबिनेट
और
फिर
राज्यपाल
की
मंजूरी
मिलते
ही
इसे
लागू
कर
दिया
जाएगा।
बता
दें
कि
प्रस्तावित
अधिनियम
में
न
केवल
मकान
मालिक
बल्कि
किरायेदारों
के
हितों
का
भी
ख्याल
रखा
गया
है।
दोनों
के
बीच
लिखित
अनुबंध
में
किराए
से
लेकर
सभी
छोटी-बड़ी
जिम्मेदारी
तय
होंगी।
मनमाने
तरीके
से
नहीं
बढ़ाया
जा
सकेगा
किराया
कानून
के
लागू
होने
पर
मकान
मालिक
और
किरायेदार
के
बीच
विवाद
की
सुनवाई
के
लिए
किराया
प्राधिकरण
व
किराया
न्यायालय
होगा।
एक
बार
किराया
तय
हो
जाने
के
बाद
उसे
बाद
में
मनमाने
तरीके
से
नहीं
बढ़ाया
जा
सकेगा।
घरेलू
के
मामले
में
पांच
व
अन्य
में
सात
फीसद
किराए
का
इजाफा
किया
जा
सकेगा।