Khatauli By Election: कौन हैं बाहुबली 'मदन भैया', जिन्हें जयंत चौधरी ने खतौली सीट पर मैदान में उतारा
पश्चिमी यूपी में 'रॉबिन हुड' की इमेज रखने वाले मदन भैया जेल में रहते हुए खेकड़ा से पहली बार 1991 में विधायक चुने गए और इसके बाद इसी सीट से 1993, 2002 और 2007 में विधानसभा का चुनाव जीते।
Khatauli By Election 2022: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले की खतौली विधानसभा सीट से राष्ट्रीय लोकदल और समाजवादी पार्टी के गठबंधन ने पूर्व विधायक और बाहुबली नेता मदन भैया को टिकट दिया है। मदन भैया इससे पहले हाल ही में यूपी विधानसभा चुनाव में आरएलडी-सपा गठबंधन के टिकट पर गाजियाबाद की लोनी विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन नंदकिशोर गुर्जर के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अब खतौली सीट पर हो रहे उपचुनाव में आरएलडी ने एक बार फिर मदन भैया पर भरोसा जताया है। राष्ट्रीय लोकदल के ऑफिशियल ट्विटर हैडंल से मदन भैया की उम्मीदवारी की खबर को पुख्ता किया गया है।
कौन हैं मदन भैया
पश्चिमी यूपी में 'रॉबिन हुड' की इमेज रखने वाले मदन भैया का पूरा नाम मदन सिंह कसाना है। गाजियाबाद जिले के जावली गांव के रहने वाले मदन भैया जेल में रहते हुए खेकड़ा सीट से पहली बार 1991 में विधायक चुने गए और इसके बाद इसी सीट से 1993, 2002 और 2007 में विधानसभा का चुनाव जीते। 2008 तक के परिसीमन के मुताबिक, खेकड़ा उस समय यूपी की सबसे बड़ी विधानसभा सीट थी। बाद में खेकड़ा से अलग करके दो नई विधानसभा सीटें- साहिबाबाद और लोनी बनाई गईं। 2012 में मदन भैया लोनी सीट से बीएसपी के टिकट पर चुनाव मैदान में कूदे, लेकिन हार गए। इसके बाद 2017 में मदन भैया को आरएलडी-सपा गठबंधन ने लोनी सीट से ही उतारा, लेकिन इस बार भी मदन भैया को हार का सामना करना पड़ा।
क्यों हो रहा है खतौली सीट पर उपचुनाव
आपको बता दें कि मुजफ्फरनगर दंगों के मामले में सजा सुनाए जाने के बाद इस सीट से विधायक चुने गए विक्रम सिंह सैनी की सदस्यता खत्म कर दी गई थी, जिसके बाद यहां उपचुनाव हो रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की चर्चित विधानसभा सीटों में शामिल खतौली से विक्रम सिंह सैनी लगातार दो बार विधायक चुने गए। 2022 में विक्रम सिंह सैनी ने खतौली सीट पर आरएलडी उम्मीदवार राजपाल सिंह सैनी को 16,345 वोटों के अंतर से हराकर जीत हासिल की थी।
मदन भैया पर क्यों जताया जयंत ने भरोसा
खतौली सीट से मदन भैया की दावेदारी को लेकर उसी दिन से कयासबाजी शुरू हो गई थी, जब लोनी में हुए राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ता सम्मेलन में जयंत चौधरी के साथ मदन भैया मंच पर सबसे आगे नजर आए। गुर्जर बिरादरी में गहरी पैठ रखने वाले मदन भैया को टिकट देने के पीछे आरएलडी की कोशिश है कि खतौली सीट पर गुर्जर-जाट और मुस्लिम समीकरण साधते हुए भाजपा को शिकस्त दी जाए। यूपी विधानसभा चुनाव से ही आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी लगातार वेस्ट यूपी में जाट और मुस्लिम समीकरण को मजबूत करने में लगे हैं और मदन भैया के जरिए पार्टी इस समीकरण को और मजबूत करने की कोशिश में है।