चश्मदीद बोली, बचाया जा सकता था विवेक को लेकिन पुलिस ने...
लखनऊ। एप्पल कंपनी में मैनेजर विवेक तिवारी की लखनऊ में हत्या के मामले में चश्मदीद गवाह सना ने सनसनीखेज खुलासा किया है। विवेक तिवारी की सहकर्मी सना ने बताया कि अगर पुलिस समय रहते विवेक तिवारी को दूसरे अस्पताल ले गई होती तो विवेक तिवारी की जान बच सकती थी। सना ने बताया कि जब विवेक तिवारी को पुलिस लोहिया अस्पताल लेकर गई तो डॉक्टर ने कहा था कि हालत गंभीर है और उन्हें दूसरे अस्पताल लेकर जाइए।
पुलिस पर सवाल
सना ने बताया कि जब पुलिवाले विवेक को अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टर ने कहा कि उनकी हालत काफी गंभीर है, लिहाजा उन्हें किसी दूसरे अस्पताल लेकर जाइए। लेकिन पुलिस उन्हें दूसरे अस्पताल लेकर नहीं गई। सना ने बताया कि अगर पुलिस विवेक को समय रहते दूसरे अस्पताल ले गई होती तो उनकी जान बच सकती थी। सना ने लखनऊ पुलिस पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जब डॉक्टरों ने विवेक को दूसरे अस्पताल ले जाने को कहा था तो उन्हें दूसरे अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया।
कई घंटे तक रात में घुमाया
सना ने साथ ही आरोप लगाया है कि घटना की रात पुलिस ने उन्हें दो घंटे तक गाड़ी में बैठाकर सड़क पर घुमाती रही और लगातार उनपर मानसिक दबाव बनाती रही। इस दौरान पुलिस उन्हें शांत रहने का दबाव बना रही थी। लेकिन जब सना ने काफी समय बीत जाने के बाद इसका विरोध किया तो पुलिस उन्हें आखिरकार कैसरबाग पुलिस स्टेशन लेकर गई और वहां एक महिला कॉस्टेबल उनके साथ गई, जिसके बाद सना की तहरीर को दर्ज किया गया।
इसे भी पढ़ें- लेस्बियन कपल का दुश्मन बना परिवार, दिल्ली हाईकोर्ट दी पुलिस सुरक्षा
घबराहट का फायदा उठाया
सना का आरोप है कि जिस वक्त उन्होंने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी उस वक्त उनपर काफी मानसिक दबाव था। पुलिसवालों ने उनके घबराहट में होने का फायदा उठाया और जल्दबाजी में तहरीर पर हस्ताक्षर करवा लिए। उन्होंने बताया कि मैंने मीडिया में उस महिला की तस्वीर को देखा है जोकि आरोपी कॉस्टेबल की पत्नी है और उसी ने तहरीर पर हस्ताक्षर करवाया था। आपको बता दें कि विवेक तिवारी हत्याकांड के बाद लगातार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा हो रहा है।
इसे भी पढ़ें- यूपी: पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल, पेशी पर आए बंदी ने आहत होकर किया आत्महत्या का प्रयास