Chhath Puja 2020: छठ पूजा के संबंध में यूपी सरकार ने जारी की एडवाइजरी, जानें क्या?
Chhath Puja 2020: 'छठ पूजा' कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि के दिन की जाती है। यह पर्व चार दिनों का होता है, जो कि कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से प्रारंभ होकर सप्तमी के दिन सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समाप्त होता है। सूर्य छठ की मुख्य पूजा 20 नवंबर से प्रारंभ हो रही है, इसी बीच यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने छठ पूजा को लेकर राज्य के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।
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सीएम के निर्देश के बाद गृह विभाग ने भी जिलों को छठ पूजा के संबंध में एडवाइजरी जारी की है, जिसमें में कहा गया है कि महिलाएं कोशिश यही करें कि वो इस बार पूजा अपने घर में ही करें। गौरतलब है कि देशभर में कोरोना वायरस महामारी का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में छठ पूजा पर भारी संख्या में लोगों के एक स्थान पर एकत्र होनें को लेकर सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
ये हैं निर्देश
- छठ पूजा स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन किया जाए।
- हर किसी को पूजा स्थल पर मास्क का प्रयोग अनिवार्य होगा।
- पूजा स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए मजिस्ट्रेट के साथ तैनात होंगे पुलिस अधिकारी।
- छठ पूजा स्थल पर महिलाओं के लिए चेंज रूम बनाए जाएंगे।
- पूजा स्थल पर डॉक्टर के साथ तैनात रहेगी एम्बुलेंस।
- 60 साल के ऊपर के उम्र के व्यक्ति और 10 साल से कम उम्र के बच्चें पूजा स्थल पर ना आएं।
- तालाबों के किनारे साफ-सफाई सुनिश्चित की जाए।
- नदी-तालाब के किनारे पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाया जाए।
- घाटों में पानी के बहाव की समुचित व्यवस्था की जाए।
- नदी-तालाबों के किनारे शौचालय आदि की व्यवस्था की जाए।
- पूजा स्थल पर जानबूझकर भीड़ ना जुटाएं।
सूर्य की कृपा से आयु और आरोग्य की प्राप्ति
छठ पूजा करने का उद्देश्य जीवन में सूर्यदेव की कृपा पाना है। सूर्य की कृपा से आयु और आरोग्य की प्राप्ति होती है। धन, मान-सम्मान, सुख-समृद्धि, उत्तम संतान की प्राप्ति के लिए छठ पूजा की जाती है। इस व्रत को अत्यंत कठोर नियम और निष्ठा से किया जाता है। इसमें घर और अपने आसपास के परिवेश की साफ-स्वच्छता का भी विशेष महत्व होता है। इसमें चतुर्थी और पंचमी के दिन एक समय भोजन किया जाता है। भोजन में भी कुछ विशेष पदार्थ ही बनाए जाते हैं। छठ के दिन पूरे दिन निर्जल रहकर शाम को अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। सप्तमी के दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पर्व का समापन किया जाता है।
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